84 फीसदी शाकाहारी खानपान में प्रोटीन मौजूद नहीं 

नई दिल्ली  ।   इंडियन डाइटिक एसोसिएशन (आईडीए) का कहना है कि अपने देश में 84 फीसदी शाकाहारी खानपान में प्रोटीन प्रचुर मात्रा में मौजूद नहीं होता है। हमारे खानपान में प्रोटीन की कमी की वजह से सूजन, फैटी लिवर, निस्तेज त्वचा, संक्रमण की आशंका भी बढ़ जाता है। इसके अलावा बच्चों में प्रोटीन की कमी की वजह से उनका विकास प्रभावित हो सकता है। प्रोटीन की अहमियत के बारे में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से आईडीए 7 दिनों का प्रोटीन वीक मना रहा है। रोजाना की डाइट में प्रोटीन की खुराक पूरी करने में ये 5 सुपर फूड आपकी मदद कर सकते हैं। आइए जानते हैं इन्हें चिकन प्रोटीन का काफी अच्छा स्रोत माना जाता है। इसमें मौजूद प्रोटीन काफी आसानी से शरीर में समाहित हो जाता है। इसमें मौजूद सैचुरेटेड फैट को हटकर इसका सेवन करना अच्छा होता है। चिकन की तरह मछली में का प्रोटीन भी शरीर के लिए काफी अच्छा होता है। मगर चिकन की तुलना में मछली में प्रोटीन की मात्रा कम होती है। मगर इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है, जो दिल की सेहत दुरुस्त रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। 
मोटा अनाज या होल ग्रेन्स में कई अहम पोषक तत्व होते हैं। इसमें प्रोटीन, फाइबर, आयरन और कई तरह के फाइटोकेमिकल प्रचुर मात्रा में होता है, जो सेहत को दुरुस्त रखने में अहम भूमिका निभाता है। पूर्व में हुए शोध में कहा गया है कि गेहूं वाली ब्रेड खाने से फाइबर के अलावा 3 ग्राम प्रोटीन भी मिलता है। नट्स यानी बादाम, अखरोट, मूंगफली में कई अहम पोषक तत्व होते हैं। इनमें मैग्नीशियम, फाइबर और दिल के लिए मुफीद मोनोसैचुरेटेड फैट भी होती है। बीन्स किसी भी शाकाहारी में सबसे ज्यादा मात्रा में प्रोटीन होता है। इसके साथ ही इनके सेवन से भोजन में फाइबर की जरूरत भी पूरी होती है। इसे खाने के बाद काफी देर तक भूख का एहसास नहीं होता है। एक शोध में पता चला है कि 70 फीसदी से अधिक भारतीय वयस्क मांसपेशियों की खराब सेहत से जूझ रहे हैं। इनके शरीर में प्रोटीन की कमी है। प्रोटीन न केवल मांसपेशियों को दुरुस्त रखने के लिए जरूरी होता है, बल्कि इसके सेवन से वजन भी नियंत्रण में रहता है। इसके साथ ही यह एंजाइम्स और हॉर्मोन के सही संचालन में भी मदद करता है। प्रोटीन का हड्डियों, मांसपेशियों, कार्टिलेज, त्वचा और खून के निर्माण में अहम रोल होता है। प्रोटीन के भरपूर डाइट लेने से ब्लड प्रेशर काबू में रहता है और डायबिटीज से लड़ने में भी मदद करता है।

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