CM योगी को क्यों कहा जाता है ‘एनकाउंटर मैन’?, इस वजह से खुश है UP पुलिस

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की कमान संभालने के एक महीने बाद जब सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह घोषणा की थी, 'अगर अपराध करोगे तो ठोक दिए जाएंगे', शायद इसे कुछ लोगों ने गंभीरता से ले लिया है. पिछले तीन दशकों में, राज्य में अपराध और राजनीति अविभाज्य हो गई थी और अपराधियों के नेताओं के साथ संबंध केवल मजबूत हुए. 

जनवरी 2019 में CM योगी ने ये दिए थे आंकड़े
जनवरी में योगी ने पत्रकारों को बताया था कि उनके कार्यकाल में तीन हजार के करीब एनकाउंटर हुए हैं, जिनमें 69 अपराधियों को पुलिस ने मार गिराया, मुठभेड़ में 838 घायल हुए और 7,043 को गिरफ्तार किया गया. इसके अलावा सरकार के दो साल पूरा करने के दौरान 11,981 अपराधियों ने अपनी जमानत रद्द करवाई और कोर्ट के सामने आत्मसमर्पण किया. 

'ठोको नीति' को लेकर विपक्ष ने उड़ाया था मजाक
लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री की 'ठोको नीति' का विपक्ष ने खूब मजाक बनाया, लेकिन आलोचकों की बात से सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कोई असर नहीं हुआ.

किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा: डीजीपी
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओपी सिंह ने कहा, ऊपर से आदेश दिए गए थे कि किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जाए. पुलिस बल पर किसी प्रकार का राजनीतिक दबाव नहीं है. संगठित अपराधों में कमी आई है, यहां तक की हत्याओं के मामलों में भी आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया.

नोटबंदी से लगी लगाम
पुलिस सूत्रों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में अपराध कम होने का एक अन्य कारण नोटबंदी भी रहा है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि नोटबंदी के बाद नकदी के आदान-प्रदान में कमी देखने को मिली और अंडरवर्ल्ड का पैसा चेक और ड्राफ्ट में नहीं आता है, जिसके बाद से सूबे में अपराध में कमी देखने को मिली. आला अधिकारियों ने पुलिस के मामले में किसी प्रकार से हस्तक्षेप नहीं करने के कारण योगी सरकार को पूरे नंबर दिए हैं. 
 

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