CRPF ने निकाली 730 किलोमीटर की साइकिल रैली, दिया जल संरक्षण का संदेश

जयपुर: स्वच्छता, जल संरक्षण और सामाजिक सद्भावना का संदेश लिए सीआरपीएफ की साइकिल रैली 730 किलोमीटर का सफर तय करके गुजरात से जयपुर पहुंची. जयपुर के बिलोची में 69वीं बीएसएफ बटालियन कैंपस में रैली का भव्य स्वागत किया गया. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती और सीआरपीएफ के 81वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में इस भव्य रैली का आयोजन किया जा रहा है.

81वें स्थापना दिवस पर CRPF की साइकिल रैली
सीआरपीएफ के राजस्थान सेक्टर कमांडेंट मनमोहन सिंह ने बताया कि रैली स्वच्छता जल संरक्षण और सामाजिक सद्भावना के प्रति गुजरात से जागरूक करते हुए राजस्थान हरियाणा और दिल्ली के गांव और शहरों से होते हुए संपन्न होगी. रैली का मुख्य उद्देश्य लोगों को इन तीनों मुद्दों के प्रति जागरूक करना है. इस संदेश को जन-जन तक पहुंचाकर आने वाली पीढ़ी के लिए स्वच्छ, स्वस्थ और संसाधनों से युक्त देश निर्माण में हर नागरिक की भागीदारी सुनिश्चित की जा सके. कमांडेंट ने सीआरपीएफ के गौरवमयी इतिहास के बारे में बताते हुए कहा कि सीआरपीएफ देश की सबसे बड़ी पैरामिलिट्री फोर्स है. सीआरपीएफ की स्थापना 27 जुलाई 1939 में नीमच नाम की जगह पर हुई थी और इसी स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में रैली का आयोजन किया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि सीआरपीएफ चुनौतियों का सामना करते हुए देश की सेवा में तत्पर रहती है. सीआरपीएफ के द्वारा निकाली जा रही रैली से जल संरक्षण का मैसेज दिया जा रहा है, ताकि जल का दोहन नहीं हो. लोग इसके महत्व को समझ सकें, ताकि आने वाले समय में हमें जल मिल सके. क्योंकि जल से ही जीवन संभव है और जल होगा तो कल होगा. दूसरा संदेश स्वच्छता का है और तीसरा सामाजिक सद्भावना का. सामाजिक सद्भावना के लिए सीआरपीएफ की अलग ही पहचान है. इसी भावना से रैपिड एक्शन फोर्स बनाई गई है.

वहीं, रैली का नेतृत्व कर रहे सीआरपीएफ 100वीं बटालियन के डिप्टी कमांडेंट मनोज कुमार यादव ने बताया कि रैली गुजरात के गांधीनगर से शुरू हुई थी, जिसका दिल्ली इंडिया गेट पर जाकर समापन होगा. महात्मा गांधी की 150वीं जयंती और सीआरपीएफ के 81वें स्थापना दिवस पर रैली का आयोजन किया जा रहा है. इस साइकिल रैली के माध्यम से देशभर में स्वच्छता, जल संरक्षण और सामाजिक सद्भावना का संदेश पहुंचाया जा रहा है. साइकिल रैली में पांच महिलाएं भी भाग ले रही हैं, जो कि महिला सशक्तिकरण को भी बढ़ावा देता है. यात्रा के दौरान कुल 13 पड़ाव होंगे, हर पड़ाव पर लोगों को जागरूक किया जा रहा है.
 

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