GTB हॉस्पिटल इंजेक्शन कांड: केजरीवाल सरकार को नोटिस

नई दिल्ली : राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने राजधानी के गुरु तेग बहादुर अस्पताल में 20 रोगियों की आंख में कथित रूप से दूषित इंजेक्शन लगाए जाने के मामले का संज्ञान लेते हुए दिल्ली के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में रिपोर्ट देने को कहा है। आयोग ने मीडिया में आई रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि दो अप्रैल को इन रोगियों को कथित रूप से दूषित इंजेक्शन लगाए जाने से इनकी आंखों में धुंधलका छा गया और पानी आ गया।

असहनीय दर्द के चलते इन रोगियों को एम्स अस्पताल ले जाया गया। इनमें से आठ रोगियों की आंख की सर्जरी करनी पड़ी। आयोग ने कहा है कि यदि मीडिया में आई रिपोर्ट सही है तो यह अस्पताल के प्रबंधन और डाक्टरों की गंभीर लापरवाही का मामला है जिससे रोगियों की आंखों के लिए खतरा पैदा हो गया। आयोग ने इसे देखते हुए मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर मामले की विस्तार से रिपोर्ट मांगी है।

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार इन रोगियों को उपचार के तहत‘एविस्टियन’के इंजेक्शन दिए गये थे। एम्स के नेत्र चिकित्सक डा. अतुल कुमार के अनुसार ²ष्टिदोष दूर करने के लिए इन इंजेक्शनों का दुनिया भर में इस्तेमाल किया जाता है लेकिन लगता है कि ये इंजेक्शन दूषित थे जिससे रोगियों को इस समस्या का सामना करना पडा। खबरों के अनुसार जीटीबी अस्पताल के चिकित्सा निदेशक ने कहा है कि इन इंजेक्शनों का नमूना प्रयोगशाला में जांज के लिए भेजा गया है। उन्होंने कहा कि रोगियों को परेशानी होने के बाद तुरंत विशेषज्ञों को बुलाया गया और रोगियों को एम्स  भेजा गया।

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