NCB ने कहा- आर्यन देश से भाग सकता है; रोहतगी बोले- ये यंग बॉयज हैं, इन्हें सुधरने का मौका मिले

मुंबई   क्रूज ड्रग्स केस में गिरफ्तार आर्यन खान की जमानत अर्जी पर बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई जारी है। खास बात ये है कि आज नामी वकील और पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी आर्यन की पैरवी कर रहे हैं। शुरुआत में NCB के वकील ने दलीलें पेश कर आर्यन को जमानत देने का विरोध किया। जांच एजेंसी ने कहा कि जमानत मिलने पर आर्यन गवाहों को प्रभावित कर सकता है। वह देश छोड़कर भाग सकता है।

इसके जवाब में आर्यन के वकील रोहतगी ने कहा कि मेरे क्लाइंट के खिलाफ ड्रग लेने, उसे खरीदने-बेचने का मामला नहीं है। वह अरबाज मर्चेंट के अलावा ड्रग से संबंध रखने वाले किसी शख्स को नहीं जानता है। अरेस्ट मेमो से ऐसा लग रहा है कि आर्यन ड्रग्स रखे हुए थे। मेरा क्लाइंट NCB के किसी अफसर पर आरोप नहीं लगा रहा है।

ये यंग बॉयस हैं, इन्हें सुधार का मौका दें

रोहतगी ने कहा कि मुझे विटनेस नंबर 1 और 2 यानी प्रभाकर सैल और केपी गोसावी से कोई मतलब नहीं है, न ही मैं उन्हें जानता हूं। रोहतगी ने कहा कि ये यंग बॉयस हैं। उन्हें सुधार गृह में भेजा जा सकता है। उन पर मुकदमा नहीं चलाया जाना चाहिए। मैंने अखबारों में भी पढ़ा है कि सरकार सुधार के बारे में बात कर रही है।

क्रूज पर जाने से पहले ही गिरफ्तार किया

रोहतगी ने कहा- आर्यन और अरबाज 2 अक्टूबर की दोपहर को क्रूज टर्मिनल पहुंचे थे। NCB के कुछ लोग पहले ही टर्मिनल पर मौजूद थे। उनके पास कुछ इन्फॉर्मेशन थी। मेरे क्लाइंट आर्यन और अरबाज को क्रूज पर चढ़ने से पहले ही पकड़ लिया गया। मेरे क्लाइंट से कुछ भी बरामद नहीं हुआ। उसके ड्रग लेने की बात भी साबित नहीं हुई है। उसका अब तक कोई मेडिकल टेस्ट भी नहीं कराया गया है।

आर्यन क्रूज पार्टी का कस्टमर नहीं था

रोहतगी ने कहा- यह सारा मामला 2 अक्टूबर से शुरू हुआ था। आर्यन क्रूज पार्टी का कस्टमर नहीं था। वह उसमें एक स्पेशल गेस्ट के तौर पर शामिल हुआ था। उसे प्रतीक गाबा नाम के आदमी ने बुलाया था, जो खुद को इवेंट मैनेजर बता रहा था। गाबा आर्यन और अरबाज मर्चेंट को जानता था।

कोर्ट रूम में रोहतगी की दलीलें

  • हमने अपनी याचिकाओं में कई बार यह सवाल उठाया कि जो लोग पुलिस ऑफिसर भी नहीं हैं, वे भी पुलिस के अधिकारों का इस्तेमाल कर रहे हैं। वे कहते हैं कि उन्हें गिरफ्तारी का अधिकार है। इसके अलावा वे पुलिस अफसर नहीं हैं।
  • जब किसी तरह की रिकवरी या ड्रग लेने की बात नहीं है, तो मेरे क्लाइंट को गलत तरीके से अरेस्ट किया गया।
  • रोहतगी ने यह भी बताया कि किस तरह जमानत याचिका हाईकोर्ट तक पहुंची।
  • मेरे क्लाइंट के खिलाफ जो बात कही गई है, वो ये कि वह अरबाज मर्चेंट के साथ आया था। इसलिए माना गया कि आपको ड्रग होने की जानकारी थी।
  • यह अजीब अनुमान है कि मुझे (आर्यन को) इस बात की जानकारी थी और मैं इसके लिए जिम्मेदार था। जबकि यह मेरी जिम्मेदारी थी ही नहीं। किसी के पास जूते में कुछ रखा हो, यह देखना मेरा काम नहीं है।
  • कॉन्शियस पजेशन का मतलब यह होता है कि जिस चीज के बारे में मुझे जानकारी हो और मेरा कंट्रोल हो। अगर मैं एक कार ड्राइव कर रहा हूं और उसमें कुछ रखा हो, तो यह कॉन्शियस पजेशन का मामला बनता है।
  • मेरा केस यह है कि मेरे क्लाइंट के खिलाफ कॉन्शियस पजेशन का मामला नहीं बनता है। किसी के जूते में क्या है, यह देखना मेरा काम नहीं है। इसलिए यह कॉन्शियस पजेशन का मामला नहीं बनता है।
  • यह पार्टी जारी रखने से संबंधित केस नहीं है। फिर मेरे क्लाइंट को क्यों टारगेट किया जा रहा है? कई लोग जिनके बड़े और कॉमर्शियल अकाउंट हैं, उन्हें भी गिरफ्तार किया गया है।
  • अगर मेरे क्लाइंट के खिलाफ कॉन्शियस पजेशन का भी मामला हो, तो इसमें 6 ग्राम ड्रग रखने पर अधिकतम 1 साल की सजा हो सकती है। इसलिए मुझ पर सेक्शन 27A के तहत मामला नहीं बनता, मेरे खिलाफ केस दर्ज कराने में षडयंत्र किया जा रहा है।
  • यह एक सामान्य और अजीब तरह की स्थिति है, जिसमें NDCP के सेक्शन 37 के तहत मामला कायम हुआ और इनडायरेक्ट तरीके से सेक्शन 27A के तहत कार्रवाई की जा रही है।
  • मेरे क्लाइंट के खिलाफ ड्रग लेने, उसे खरीदने-बेचने का मामला नहीं है। वह अरबाज मर्चेंट के अलावा ड्रग से संबंध रखने वाले किसी शख्स को नहीं जानता है।
  • अरेस्ट मेमो से ऐसा लग रहा है कि आर्यन ड्रग्स रखे हुए थे।
  • मेरा क्लाइंट NCB के किसी अफसर पर आरोप नहीं लगा रहा है। मुझे विटनेस नंबर 1 और 2 यानी प्रभाकर सैल और केपी गोसावी से कोई मतलब नहीं है, न ही मैं उन्हें जानता हूं।
  • रोहतगी ने कहा कि ये यंग बॉयस हैं। उन्हें सुधार गृह में भेजा जा सकता है। उन पर मुकदमा नहीं चलाया जाना चाहिए। मैंने अखबारों में भी पढ़ा है कि सरकार सुधार के बारे में बात कर रही है।

सुनवाई से पहले कोर्ट रूम से भीड़ हटाई गई

सुनवाई शुरू होने से पहले ही कोर्ट रूम में इतनी भीड़ हो गई कि उसे हटाने के लिए पुलिस की मदद ली गई। अदालत ने कहा कि जो केस अभी चलने वाला है, उनसे संबंधित लोग ही कोर्ट रूम में उपस्थित रहें। कोर्ट रूम के बाहर लॉबी से भी भीड़ को हटाया गया है । भीड़ की वजह से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न होने पाने की वजह से यह कदम उठाया गया।

NCB ने कहा- गवाहों को प्रभावित कर सकता है आर्यन

NCB ने हाईकोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में आर्यन की जमानत का विरोध किया है। NCB ने हलफनामे में कहा है कि शाहरुख खान की मैनेजर पूजा ददलानी गवाहों के साथ मीटिंग कर रही हैं और जांच को प्रभावित करने की कोशिश कर रही हैं। ऐसे में जमानत मिलने पर आर्यन भी गवाहों को प्रभावित कर सकता है।

NCB की तरफ से कोर्ट में दाखिल किया गया हलफनामा।​​​​​​​

आर्यन ने प्रभाकर सैल के आरोपों से पल्ला झाड़ा

उधर, आर्यन खान ने भी हलफनामा दायर करके कहा है कि NCB के खिलाफ रिश्वत के आरोपों से उसका कोई लेना-देना नहीं है। हलफनामे में आर्यन ने बताया है कि वह खुद जांच एजेंसी के किसी व्यक्ति के खिलाफ कोई आरोप नहीं लगा रहा है। इस केस के कुछ स्वतंत्र गवाहों की तरफ से जो दावे, बयानबाजी हो रही है, उससे भी उसका कोई वास्ता नहीं है। इसे देखकर साफ है कि आर्यन ने नवाब मलिक या प्रभाकर की तरफ से लगाए आरोपों से पल्ला झाड़ लिया है। प्रभाकर वही शख्स है, जिसने आर्यन केस में 18 करोड़ रुपए में डील होने की बात कही है।

दो बार खारिज हो चुकी आर्यन की बेल एप्लिकेशन

इससे पहले आर्यन की बेल एप्लिकेशन दो बार स्पेशल NDPS कोर्ट और किला कोर्ट से खारिज हो चुकी है। जमानत खारिज करते हुए अदालत ने कहा था, 'पहली नजर में ऐसा लग रहा है कि आर्यन ड्रग्स से जुड़ी गतिविधियों में नियमित रूप से शामिल था।'

NDPS कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि वॉट्सऐप चैट से भी यही लगता है कि आर्यन ड्रग्स सप्लायर के संपर्क में था। इस मामले में कोर्ट ने अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा की जमानत अर्जियां भी खारिज कर दी थीं।

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने तीन अक्टूबर को मुंबई से गोवा जा रहे एक क्रूज से 8 लोगों को गिरफ्तार किया था। फिर उनसे पूछताछ के आधार पर अब तक कुल 20 लोग अरेस्ट किए जा चुके हैं। इस मामले में शाहरुख खान के बेटे आर्यन 8 अक्टूबर से मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद हैं। आर्यन पर NDPS कानून के तहत ड्रग्स रखने और इस्तेमाल करने का आरोप है।

आर्यन की जमानत को लेकर फिलहाल ये 3 स्थितियां बन रही हैं
 

पहली: 29 अक्टूबर तक हाईकोर्ट आर्यन की जमानत याचिका पर सुनवाई करे। 29 या इससे पहले जमानत याचिका को मंजूर कर ले। तब आर्यन 29 से 30 अक्टूबर तक अपने घर जा सकते हैं।

दूसरी: आज की सुनवाई में आर्यन के वकील जमानत की मांग करेंगे, लेकिन NCB पिछले 3-4 दिनों में हुए नए प्रकरणों और आर्यन की चैट के आधार पर जमानत का विरोध करेगी। सुनवाई एक दिन में हो जाए, इसकी संभावना कम है, क्योंकि बहस लंबी चल सकती है। हाईकोर्ट 29 अक्टूबर तक खुला है।

फिर 30 अक्टूबर को शनिवार और 31 को रविवार है। इसके बाद 1 नवंबर से 15 नवंबर तक दिवाली की छुट्टियां हैं। आमतौर पर शनिवार को कोर्ट में केस की फाइलिंग ही होती है। सुनवाई के चांस कम रहते हैं। हालांकि जज आखिरी मौके पर डिसाइड करें तो स्पेशल कोर्ट सुनवाई कर सकता है। इसमें अगर बेल रिजेक्ट होती है, तो आर्यन को सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगानी होगी।

तीसरी: एक संभावना ये भी है कि NDPS कोर्ट की तरह हाईकोर्ट जमानत पर फैसला 15 नवंबर तक सुरक्षित रखे। हालांकि इसकी उम्मीद बहुत कम है। इसकी एक वजह ये भी है कि दिवाली के बाद जजों के रोस्टर चेंज होंगे, फिर कोई नए जज बेंच पर आएं और फिर से उनके सामने सारी दलीलें रखी जाएं, ऐसा संभव नहीं है।

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