PAK बोला- बेगुनाह जाधव ने क्यों रखे हिंदू-मुस्लिम नाम से दो पासपोर्ट? भारत ने मांगे डाक्यूमेंट्स
मंत्रालय ने बताया कि भारत ने 14वीं बार पाक से कांसुलर एक्सेस की मांग की लेकिन पाक विदेश सचिव तहमिना जंजुआ ने यह कहते हुए मना कर दिया कि यह एक जासूसी का मामला है इसलिए इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती। जबकि भारतीय उच्चायुक्त का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत इसकी अनुमति मिलनी चाहिए।
जाधव को दी गई मौत की सजा पर कोई समझौता नहीं होगा
इससे पूर्व बृहस्पतिवार को पाकिस्तान के शीर्ष सैन्य जनरल ने स्पष्ट किया था कि वह कथित भारतीय जासूस कुलभूषण जाधव को दी गई मौत की सजा पर कोई समझौता नहीं करेंगे। पाकिस्तान सेना की जनसंपर्क इकाई इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने कहा कि रावलपिंडी में कोर कमांडरों की एक बैठक में यह फैसला लिया गया।
आईएसपीआर ने कहा कि सेना प्रमुख जनरल कमर बाजवा ने बैठक की अध्यक्षता की और जाधव मामले में आगे के घटनाक्रम से अवगत कराया। बैठक में सेना के प्रमुख जनरलों ने यह कहा कि ऐसे राज्य विरोधी कृत्यों पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
आपको बता दें कि मामले के संबंध में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बंबावले ने कहा कि अगर पाकिस्तान सरकार कुलभूषण जाधव को फांसी की सजा देती है, तो फिर पड़ोसी देश को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। इसको एक भारतीय नागरिक की हत्या माना जाएगा। वहीं केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जाधव को बचाने के लिए देश किसी भी हद तक जाएगा। हम पूरा प्रयास करेंगे कि जाधव को सुरक्षित रखा जा सके।
वहीं एक अन्य घटनाक्रम में लाहौर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने कहा है कि कुलभूषण जाधव के लिए कोई वकील पैरवी करेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। लाहौर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के महासचिव अमर सईद राय ने शुक्रवार को बार की बैठक के बाद कहा, "LHBA ने सर्वसम्मति से ये प्रस्ताव पारित किया है कि कोई भी वकील भारतीय जासूस कुलभूषण जाधव की पैरवी करता है तो उसकी सदस्यता रद्द कर दी जाएगी।"