अमरनाथ यात्राः आधे हुए श्रद्धालु, दुगनी हुई सुरक्षा, फिर भी आतंकी हमला

श्रीनगर: अमरनाथ यात्रा पर सोमवार देर शाम हुए आतंकी हमले ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर एक बार सवालिया निशान लगा दिया है। यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या पहले ही 6 साल के निचले स्तर पर आ गई है। ऐसे में यदि इतनी कम संख्या में श्रद्घालु भी सुरक्षित न रहे तो आने वाले साल में होने वाली यात्रा पर पर भी इसका असर पड़ सकता है।

इस साल अमरनाथ यात्रा जाने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षाबलों की दुगनी कंपनियां तैनात की गई थी लेकिन इसके बावजूद श्रद्धालुओं पर आतंकी हमला करने में सफल रहे। 6 साल पहले यह यात्रा अपने चरम पर थी और 2011 में 6.35 लाख श्रद्धालुओं ने पवित्र शिवलिंग के दर्शन किए थे लेकिन आज 6 साल बाद हम 2011 के आंकड़े के 50 प्रतिशत श्रद्धालुओं तक भी नहीं पहुंच पा रहे हैं।

इस साल कुल 2.30 लाख श्रद्धालुओं ने रजिस्ट्रेशन करवाई है और यह 2011 के कुल श्रद्धालुओं का करीब 36 प्रतिशत बैठता है यानी 6 साल में यात्रा एक-तिहाई रह गई है। पिछले साल भी यह आंकड़ा 2.20 लाख श्रद्धालु था, यानी 2011 की यात्रा के मुकाबले एक-तिहाई कम श्रद्धालुओं ने यात्रा की। ऐसा नहीं है कि इससे पहले इतनी कम संख्या में श्रद्धालु पवित्र गुफा में न गए हों, 2002 में महज 1.10 लाख श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा के दर्शन किए थे लेकिन 2004 के बाद यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा था। 2004 में 3.82 लाख श्रद्धालु पवित्र गुफा में दर्शन करने गए थे। 2004 से 2015 तक एक बार ही ऐसा मौका आया जब यात्रा 3 लाख श्रद्धालुओं से कम थी, 2007 में 2.96 लाख श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा के दर्शन किए थे।

साल        श्रद्धालु (लाखों में)
2007            2.96
2008            5.33
2009            3.81
2010            4.56
2011            6.35
2012            6.20
2013           3.54
2014           3.74
2015           3.52
2016           2.20

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