अयोध्या के बाद काशी-मथुरा में शुरू होगा मंदिर निर्माण आंदोलन: अखाड़ा परिषद

प्रयागराज. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (Akhil Bhartiya Akhada Parishad) के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri)  ने कहा है कि अयोध्या विवाद (Ayodhya Case) हल होने के बाद काशी (Varanasi) और मथुरा (Mathura) में मंदिर निर्माण आंदोलन को गति दी जाएगी. उन्होंने कहा कि काशी और मथुरा में भी मंदिर तोड़कर मस्जिदें बनाई गई थीं. नरेंद्र गिरि ने कहा कि केंद्र और राज्य में हिंदुओं की सरकार है. लिहाजा इस काम में कोई रुकावट नहीं आनी चाहिए. महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि काशी और मथुरा में भी मंदिर निर्माण की मांग लंबे समय से की जा रही है. उन्होंने अयोध्या विवाद का फैसला राम मंदिर के पक्ष में आने की उम्मीद जताई और कहा कि 40 दिनों तक सुप्रीम कोर्ट में चली नियमित सुनवाई से मुस्लिम पक्ष के वकील हताश और निराश दिखे. यही वजह है कि कोर्ट में मंदिर का नक्शा भी मुस्लिम पक्ष के वकील ने फाड़ा.
'उम्मीद है दीवाली से पहले आएगा फैसला'
महंत ने कहा कि मुसलमानों को काशी और मथुरा पर अपना दावा छोड़ देना चाहिए. देश की एकता और अखंडता के लिए काशी और मथुरा में भी मंदिर निर्माण का समर्थन करना चाहिए. महंत नरेंद्र गिरी ने दीपावली से पहले सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने की उम्मीद जताते हुए कहा कि इस बार की दीपावली खुशियों की भव्य दीपावली होगी.
राम मंदिर निर्माण में अखाड़ा परिषद करेगा पूरा सहयोग
उन्होंने कहा कि राम मंदिर निर्माण को लेकर किसी हिंदूवादी संगठन को श्रेय लेने की जरूरत नहीं है. सभी हिंदूवादी संगठनों को मिलकर मंदिर निर्माण में सहयोग करना चाहिए. अखाड़ा परिषद भी मंदिर निर्माण में अपना पूरा सहयोग करेगा.
40 दिन की बहस पूरी, फैसला सुरक्षित
देश के दशकों पुराने अयोध्या में राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद जमीन विवाद (Ayodhya Land Dispute) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court Of India) में बुधवार को ऐतिहासिक बहस पूरी हो गई. 40 दिनों तक चली इस सुनवाई के बाद संविधान पीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया और सभी पक्षों से कहा कि वे मोल्डिंग ऑफ़ रिलीफ पर 3 दिनों में कोर्ट को लिखित जवाब दें. बहस पूरी होने के बाद हिंदू महासभा के वकील वरुण सिन्हा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. अब ये साफ है कि इस मामले में 23 दिन के भीतर फैसला आ जाएगा.
इससे पहले सुनवाई के आखिरी दिन सभी पक्षों ने अपनी-अपनी दलीलें पेश कीं. इस दौरान मुस्लिम और हिंदू पक्ष के बीच कई बार नोक-झोंक भी देखने को मिली. नौबत यहां तक आ गई कि हिंदू महासभा की तरफ से पेश हुए वकील ने राम जन्मस्थान का एक नक्शा कोर्ट में पेश किया. इसकी एक कॉपी मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन को भी दी. राजीव धवन ने इसका विरोध किया और कहा कि मैं इसे नहीं मानता. जिस पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा, ठीक है आप मत मानिए. इसके बाद राजीव धवन ने नक्शे को फाड़ दिया.
 

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