कमलेश तिवारी हत्याकांड: नेपाल भागना चाहते थे हत्यारे, सरेंडर को वकील से किया संपर्क

 

हिंदू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की हत्या करके दोनों कातिल शेख अशफाक हुसैन और पठान मोईनुद्दीन नेपाल भागना चाहते थे। इसके लिए लखीमपुरखीरी से टैक्सी बुक कराई थी। हालांकि बॉर्डर पर सख्ती देख दोनों शाहजहांपुर चले गए। इस बीच टैक्सी चालक के ही मोबाइल से आत्मसमर्पण के लिए सोमवार सुबह करीब 8.30 बजे ठाकुरगंज के एक वकील को फोन कर अदालत में सरेंडर करने के बारे में बातचीत की।नेपाल जाने के लिए बुक कराई थी टैक्सी, बॉर्डर पर चौकसी देख लौटे
जिस नंबर से फोन आया था वह लखीमपुर के पलिया निवासी युवक का है। दोपहर को पुलिस की एक टीम लखीमपुर रवाना कर दी गई। पुलिस सूत्रों का कहना है कि पलिया पहुंची पुलिस टीम ने संदिग्ध युवक को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने खुद को टैक्सी चालक बताया।

उसने बताया कि दो लोगों ने टैक्सी बुक कराई थी। वह नेपाल बार्डर पार करना चाहते थे लेकिन वहां काफी चौकसी थी इसलिए दोनों शाहजहांपुर गए और टैक्सी छोड़ दी। उससे पूछताछ करने के साथ ही दोनों हत्यारों की लोकेशन खंगाली जा रही है।

गुजरात से फोन करके हत्यारों के लिए बुक कराई गई थी टैक्सी
हत्यारों को नेपाल पहुंचाने के लिए गुजरात से फोन किया गया था। पुलिस सूत्रों ने बताया कि टैक्सी चालक के मालिक लखीमपुर के पलिया में रहते हैं जबकि उनके रिश्तेदार गुजरात में हैं। हत्यारों के लिए उन्हीं ने टैक्सी मालिक को फोन किया था। पुलिस सूत्रों ने बताया कि टैक्सी का भाड़ा 5000 रुपये था जिसका भुगतान भी गुजरात से ही हुआ था।

शाहजहांपुर में सीसीटीवी कैमरों में नजर आए हत्यारे

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि हत्यारे रविवार रात करीब 12 बजे टैक्सी से शाहजहांपुर रेलवे स्टेशन पहुंचे थे। वहां काउंटर पर जाकर उन्होंने ट्रेनों के बारे में जानकारी ली। इसके बाद सिगरेट पीने के बहाने इधर-उधर टहलकर आसपास की जगहों का जायजा लिया। करीब 15 मिनट बाद टैक्सी छोड़ दी और पैदल ही स्टेशन रोड से अशफाकनगर पुलिस चौकी की तरफ बढ़ गए। चौकी के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों में हत्यारों के फोटो मिले हैं।

एसटीएफ ने कब्जे में ली सीसीटीवी फुटेज
एसटीएफ ने कुछ जगह के सीसीटीवी फुटेज अपने कब्जे में ले ली हैं। सोमवार को सदर कोतवाली पुलिस ने रोडवेज के कंट्रोल रूम में बैठकर सीसीटीवी फुटेज देखा जिसे पेन ड्राइव में डाउनलोड किया गया। इसे एसटीएफ ने बाद में अपने कब्जे में ले लिया।

समूचे जिले की नाकाबंदी
कमलेश तिवारी के संदिग्ध हत्यारों के जनपद में आने की सूचना पर पुलिस ने पूरे जनपद में गोपनीय ढंग से नाकाबंदी भी की। शहर से लेकर देहात तक लक्जरी कारों और रोडवेज बसों में चेकिंग की गई। विशेष निगाह लखीमपुर, पीलीभीत की ओर जाने वाले वाहनों पर रही।

25-30 साल के हैं संदिग्ध हत्यारे
सीसीटीवी फुटेज में दिखे संदिग्ध हत्यारों में एक काले रंग की हाफ टी-शर्ट व जींस पहने है। दूसरा पैंट व शर्ट पहने है जिसका कलर खाकी जैसा लग रहा है। दोनों पीठ पर पिट्ठू बैग लटकाए हैं। उनकी उम्र 25 से 30 साल के बीच मालूम पड़ रही है।
 

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