केरल के ‘लव जिहाद’ मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिए जांच के आदेश
नई दिल्ली . सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को नैशनल इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी (NIA) को केरल के उस मुस्लिम शख्स की शादी के मामले की जांच का आदेश दिया है जिसकी शादी को 'लव जिहाद' मानते हुए केरल हाई कोर्ट ने रद्द घोषित कर दिया था। अपनी शादी रद्द होने के खिलाफ मुस्लिम शख्स ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। इसी मामले में सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने NIA को जांच का आदेश दिया। खास बात यह है कि यह जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज आर. वी. रविंद्रन की निगरानी में होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने जांच एजेंसी को निर्देश दिया है कि जांच पूरी होने से पहले वह कोर्ट को उसकी रिपोर्ट सौंपे। चीफ जस्टिस जे. एस. खेहर की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि वह एनआई की जांच रिपोर्ट, केरल पुलिस की सूचना और महिला से बातचीत करने के बाद फैसला सुनाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने 10 अगस्त को केरल पुलिस को आदेश दिया था कि वह इस मामले की जांच से जुड़े विवरणों को एनआईए के साथ साझा करे।
चीफ जस्टिस जगदीश सिंह खेहर और जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ की बेंच ने मामले में जांच का आदेश देते हुए अंतिम फैसला लेने से पहले अदालत में लड़की की पेशी की जरूरत बताई। अदालत ने यह आदेश याचिकाकर्ता शफीन जहां के वकील कपिल सिब्बल के यह कहने के बाद दिया कि अदालत को लड़की से बात करने के बाद ही कोई फैसला लेना चाहिए। वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने पीठ से कहा कि यह अंतर-धार्मिक मामला है, इसलिए अदालत को इसमें सावधानी बरतनी चाहिए।
केरल के रहने वाले शफीन जहां ने अपनी शादी को केरल हाई कोर्ट द्वारा रद्द करने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। हाई कोर्ट ने जहां की शादी को रद्द और शून्य घोषित करते हुए राज्य पुलिस को ऐसे सभी मामलों की जांच के आदेश दिेए थे। जहां ने पिछले साल दिसंबर में एक हिंदू महिला से शादी की थी। जहां से शादी के बाद महिला ने इस्लाम कबूल कर लिया था। अपनी शादी को निरस्त किए जाने को देश में महिलाओं की स्वतंत्रता का अपमान बताते हुए जहां ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। आरोप था कि महिला को सीरिया में आतंकी संगठन IS के लिए काम करने के लिए भर्ती हुई थी।
लड़की के पिता अशोकन के. एम. ने आरोप लगाया था कि उनकी बेटी की शादी धर्मपरिवर्तन और इस्लामिक कट्टरपंथ के मकसद से कराई गई। उन्होंने इसे 'लव जिहाद' का मामला बताया। एनआईए ने हाल ही में 'लव जिहाद' की शंका वाले कई मामलों की जांच की जिसमें महिलाएं कथित तौर पर सीरिया में IS में शामिल होने के लिए भेजी गई थीं। दरअसल केरल हाई कोर्ट ने जहां की शादी को लव जिहाद मानते हुए एनआईए से ऐसे मामलों की जांच का आदेश दिया था।