गहलोत कैबिनेट के बड़े फैसले: मीसा बंदियों की पेंशन होगी बंद, पार्षद ही चुनेंगे निकाय प्रमुख
जयपुर. सीएम अशोक गहलोत कैबिनेट (CM Ashok Gehlot Cabinet) ने बड़ा निर्णय (Big decision) करते हुए मीसा बंदियों (MISA prisoners ) की पेंशन (Pension) को बंद करने पर मुहर लगा दी है. वहीं स्थानीय निकाय के चुनाव (Local body elections) भी अप्रत्यक्ष प्रणाली से होंगे. अब पार्षद (Councilor) ही निकाय प्रमुख (Head of the local body) और महापौर (Mayor) चुनेंगे. सीएमओ (CMO) में सोमवार को सीएम अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक (Cabinet meeting) में ये निर्णय लिए गए हैं. राजस्थान में करीब 600-700 मीसाबंदीयों को पेंशन दी जा रही थी. मीसा बंदियों को करीब 20 हजार पेंशन मिल रही थी.
कैबिनेट बैठक में 14 अहम बिंदुओं पर चर्चा हुई
करीब 4 महीने बाद हुई गहलोत कैबिनेट की बैठक में 14 अहम बिंदुओं पर चर्चा हुई. इस बैठक में सरकार ने पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार के उस फैसले को भी पलट दिया, जिसके तहत मीसा बंदियों को पेंशन दी जा रही थी. गहलोत सरकार में लंबे समय से मीसा बंदियों की पेंशन रोकने की मांग की जा रही थी. वहीं कैबिनेट की बैठक में निकाय प्रमुख के चुनाव को लेकर लंबे समय चल रहे संशय को भी खत्म कर दिया गया है. कैबिनेट की बैठक के बाद स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल प्रेस ब्रिफ्रिंग में बताया कि स्थानीय निकाय के चुनाव भी अप्रत्यक्ष प्रणाली से होंगे. अब पार्षद ही निकाय प्रमुख और महापौर का चुनाव करेंगे. धारीवाल ने कहा कि कई कारणों को ध्यान में रखते हुए अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराने का फैसला लिया गया है.
ज्यादातर फैसले सर्कुलेशन के जरिए ही करने पड़े हैं
उल्लेखनीय है कि गत आठ महीनों में गहलोत सरकार को ज्यादातर फैसले सर्कुलेशन के जरिए ही करने पड़े हैं. नई सरकार के गठन के बाद अब तक कैबिनेट की करीब 4 बैठकें ही हो पाई थी. कैबिनेट की बैठक पहले दोपहर में 12.30 बजे होने थी, लेकिन बाद में इसका समय बदलकर 11 बजे कर दिया गया. बैठक में डिप्टी सीएम सचिन पायलट समेत सभी मंत्री शामिल हुए थे.