चार रुपये में खरीदा 20 हजार लोगों का डाटा, सिर्फ कॉल कर ठग लिए 100 करोड़, जानिए कैसे

दिल्ली में फर्जी कॉल सेंटर चला इंश्योरेंस पॉलिसी के नाम पर भोले भाले लोगों से धोखाधड़ी करने वाले चार आरोपियों को जिला पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में महिला भी शामिल है। आरोपी महज चार से पांच रुपये में व्यक्ति का पूरा डाटा ले लेते थे और उसे फोन कर लालच दे इंश्योरेंस करवाने की बात करते थे।
पुलिस का दावा है कि यह गिरोह काफी बड़ा है और इन आरोपियों ने पिछले दस वर्षों में करीब सौ करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी की है। पुलिस ने दिल्ली के एक कॉल सेंटर में छापामारी इनकी गिरफ्तारी की है।

आरोपियों की पहचान दिल्ली के मांगोलपुरी निवासी योगेश कुमार, आकाश कुमार, सुल्तानपुरी निवासी सुनील कुमार और मोती बाग निवासी मौसमी के रूप में हुई है। आरोपियों के कब्जे से पुलिस ने विभिन्न कंपनियों के 12 मोबाइल भी बरामद किए हैं। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है।
पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल ने बताया कि थाना सराभा नगर में पिछले साल बाड़ेवाल के कोहीनूर एन्क्लेव निवासी जगदेव सिंह ने पुलिस को शिकायत दी थी कि इंश्योरेंस के नाम पर उसे अलग-अलग लोगों के फोन आए थे। उन्होंने उसे लालच देकर करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये की ठगी की है।

जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि यह कॉल उन्हें दिल्ली से आई थी। वहां फेक कॉल सेंटर चल रहे हैं और कॉल सेंटर पर काम करने वाले उन्हें बरगला कर पैसे ऐंठ रहे हैं। यह सब इंश्योरेंस में तरह तरह के लालच देकर पैसे ऐंठते हैं।

महज चार रुपये में आरोपियों के पास पहुंच जाता है सारा डाटा
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि आरोपियों के पास करीब बीस हजार लोगों का डाटा है। जो इन लोगों ने महज चार रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब खरीद कर रखा है। आरोपियों के पास लोगों की इतनी जानकारी है कि वह उनसे बात करते तो उनके बारे में पूरी जानकारी देकर वह विश्वास में लेते और लालच देकर उनसे पैसे अपने खाते में डलवा लेते थे।

अगर कोई व्यक्ति कंपनी के नाम का चेक लेने की बात करता था, उसे कंपनी का खाता नंबर दे देते और कंपनी में अपनी साठ प्रतिशत तक कमीशन ले लेते थे। आरोपी इतना शातिर थे कि आगे ग्राहक जिस प्रदेश से होता था तो उसी स्टेट का नाम रख लेते थे। जैसे पंजाब का व्यक्ति था तो खुद के नाम पर पीछे सिंह लगा देना और अगर साउथ का होता था अलग नाम से फोन करते थे।

सभी ग्राहकों को अलग-अलग नाम से ही फोन किया जाता था। सभी दसवीं से 12वीं तक पढ़े हैं। पुलिस के अनुसार कॉल सेंटर का मालिक पुलिस गिरफ्त से बाहर है। उसकी तलाश में लगातार छापामारी की जा रही है। जल्द ही उसे भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। आरोपियों से पूछताछ की जा रही है कि वह कितने मासूम लोगों को अपनी ठगी का शिकार बना चुके है और वह कैसे कंपनियों से संपर्क करते थे और सारा गोरखधंधा कैसे चलता था।

 

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