जत्थेदार का फरमान, कैप्टन और बादल परिवार के लिए स्टेज साझा करना नहीं आसान

श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के पंजाब सरकार और एसजीपीसी को एक मंच पर आने के आदेश से एसजीपीसी पर काबिज शिअद (बादल) विशेष कर बादल परिवार और कैप्टन अमरिंदर के सामने एक नई चुनौती खड़ी हो गई है।
बादल परिवार पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के आरोप लगाकर सत्ता में आए कैप्टन अमरिंदर सिंह के लिए बादल परिवार के साथ स्टेज सांझी करनी आसान नहीं होगा। उन पर सिख संगठन और राजनीतिक पार्टियों के लोग पहले ही आरोप लगाते रहे हैं कि उनकी बादल परिवार के साथ सांझ है। इसलिए कैप्टन अमरिंदर सिंह बेअदबी के मामले में बादल परिवार को कानून के कटघरे में खड़ा नहीं कर पाए।
 
वहीं बादल परिवार एसजीपीसी की मुख्य स्टेज के माध्यम से अपने खो चुके पंथक आधार को पुनर्जीवित करने की जुगाड़ में था। अब शिअद प्रधान सुखबीर सिंह बादल की इस योजना पर पानी फिर गया, क्योंकि जत्थेदार ने स्टेज से कोई भी राजनीतिक संवाद करने पर पूर्णतया पाबंदी लगा दी है।

सुखबीर बादल आगामी एसजीपीसी चुनाव से पहले इस स्टेज से जहां अपने कैडर को मजबूत करने के फिराक में थे, वहीं मालवा में सुखदेव सिंह ढींढसा का साथ छूट जाने के बाद पार्टी के कुछ मुखर नेताओं को शिअद के साथ जुड़े रहने का संदेश भी देना चाह रहे थे।

बादल परिवार के साथ त्रासदी है कि श्री गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व के समय पंजाब में शिअद की सरकार नहीं है। इससे पहले खालसा पंथ की त्रि-शताब्दी सहित कई शताब्दियों के दौरान पंजाब की सत्ता अकाली दल के हाथ में रही है। शताब्दी समारोहों के दौरान अकाली दल एसजीपीसी की स्टेज का राजनीतिकरण करता रहा है।

इस बार बादल परिवार ऐसा नहीं कर पाएगा। कैप्टन अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री के नाते स्टेज से गुरुनानक के फलसफे के बारे में अपना भाषण तो करेंगे, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या इस स्टेज से पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, शिअद के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल को संबोधन करने दिया जाएगा।
भाई लौंगोवाल की दिक्कतें भी बढ़ी
एसजीपीसी प्रधान भाई गोबिंद सिंह लौंगोवाल की दिक्कतें भी जत्थेदार के आदेश के बाद बढ़ गई हैं। वे अपने राजनीतिक आकाओं की मंच पर बेरुखी नहीं कर सकते। 550वें प्रकाश पर्व के कुछ दिन बाद ही एसजीपीसी के अध्यक्ष पद का चुनाव होना है। अध्यक्ष पद तीसरी बार हासिल करने के लिए भाई लौंगोवाल के लिए बादल परिवार की अनदेखी करना भी एक चुनौती होगी। भाई हरप्रीत सिंह ने भाई लौंगोवाल को निर्देश दिए हैं कि वह मंच पर किसी के साथ कोई भी मतभेद न हो, इसके लिए पूर्णतया वचनबद्ध होंगे। बादल परिवार को लेकर भाई लौंगोवाल द्वारा श्री अकाल तख्त के इस आदेश का निर्वाह करना आसान नहीं होगा।

जत्थेदार ने अपने आदेश में कई विषयों को नहीं किया स्पष्ट  
श्री अकाल तख्त के जत्थेदार भाई हरप्रीत सिंह ने सांझी स्टेज से धार्मिक समागम करने के आदेश तो जारी कर दिए, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि मंच पर कौन-कौन गण्यमान्य बैठेंगे। इसकी जिम्मेदारी भाई लौंगोवाल निभाएंगे। सीएम के साथ पंजाब सरकार के कितने मंत्रियों को मंच पर बैठने की अनुमति मिलेगी, इस पर अभी एसजीपीसी को मंथन करना है। बेशक कैप्टन अमरिंदर ने जत्थेदार से कहा है कि पंजाब सरकार श्री अकाल तख्त साहिब का हर आदेश स्वीकार करेगी लेकिन क्या प्रकाश सिंह बादल और सुखबीर बादल को मंच पर बैठने की अनुमति होगी, इस पर पंजाब सरकार को रुख स्पष्ट करना होगा।

 

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