पनामा पेपर्स मामले में रमन पर हो कार्रवाई
नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री तथा छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के अध्यक्ष अजित जोगी ने मोदी सरकार पर भ्रष्टाचार के खिलाफ मुंहदेखी कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुये आज कहा कि राज्य के वर्तमान मुख्यमंत्री रमन ङ्क्षसह के बेटे अभिषेक ङ्क्षसह का पनामा पेपर्स में नाम आने के बावजूद केंद्र सरकार उन पर कार्रवाई नहीं कर रही है। श्री जोगी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उन्होंने पनामा पेपर्स की जांच के लिए एक टीम बनायी थी और टीम ने जो सबूत जुटाये हैं उसके अनुसार अभिषेक की वर्जिन ब्रिटिश आइलैंड एक शेल कंपनी है। साथ ही उनके (अभिषेक) और श्री ङ्क्षसह के करोड़ों रुपये वर्जिन ब्रिटिश आइलैंड और स्विस बैंकों में जमा हैं।
राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और इस संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उन्होंने चुनाव का बिगुल बजा दिया है। श्री जोगी ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से संबद्ध होने के कारण श्री ङ्क्षसह और अभिषेक के खिलाफ जांच नहीं हो रही है। दोनों ने शेयरकॉर्प नामक कंपनी के माध्यम से स्विट्जरलैंड के यूएसबी एजी नामक बैंक में अपना कालाधन जमा कराया है।
उन्होंने कहा कि शेयरकॉर्प वही कंपनी है जिसके माध्यम से विजय माल्या ने अपना पैसा विदेश भेजा था। श्री ङ्क्षसह और उनके पुत्र पर दूसरा आरोप श्री जोगी ने यह लगाया है कि उन्होंने इटली की कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड से हेलीकॉप्टर खरीदने में सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करते हुये नियमों का उल्लंघन कर 15.7 लाख डॉलर (करीब 9.5 करोड़ रुपये) का घोटाला किया।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने वर्ष 2008 में अगस्ता वेस्टलैंड से एक हेलिकॉप्टर खरीदा था। इसके लिए राज्य सरकार ने शार्प ओशन नामक कंपनी को आधिकारिक कमीशन एजेंट नियुक्त किया था जबकि वर्ष 1985 में ही ऐसे सौदों के लिए कमीशन एजेंट की नियुक्ति को गैर-कानूनी बना दिया गया था। दिलचस्प तथ्य यह है कि तीन जुलाई 2008 को अभिषेक ने क्वेस्ट हाइट््स नाम से एक कंपनी खोली जिसमें शार्प ओशन ने सारा पैसा स्थानांतरित कर दिया।
इसके बाद शार्प ओशन बंद हो गयी। श्री जोगी ने दावा किया है कि क्वेस्ट हाइट््स का पता भी श्री ङ्क्षसह के निजी निवास स्थान का है। उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों पिता-पुत्र का सारा काला धन स्विस बैंक और वर्जिन आइलैंड में वर्ष 2008 में ही जमा कराया गया है। उन्होंने पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम, उनके परिवार और बीजू जनता दल के सांसद बैजंत पांडा के वित्तीय संबंधों की जांच की भी मांग की और कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल में श्री चिदंबरम के नेतृत्व में विदेशी निवेश संवद्र्धन बोर्ड द्वारा दी गयी निवेश की सभी स्वीकृतियों की जांच की जानी चाहिये।
श्री जोगी ने कहा कि श्री पी. चिदंबरम और उनके परिवार के खिलाफ जांच सिर्फ उनके बेटे कार्ति चिदंबरम की एक कंपनी आईएनएक्स मीडिया तक सीमित नहीं रहनी चाहिये। श्री पांडा की कंपनी का पिछली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने आईडीबीआई बैंक से जो 2,300 करोड़ रुपये का ऋण माफ कराया था, उसमें बीजद सांसद के वकील श्री चिदंबरम ही थे। उन्होंने कहा कि उस समय राजग सरकार के वित्त मंत्री रहे जसवंत ङ्क्षसह ने भी माफी को जनता के पैसों की लूट बताया था।
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि संभवत: बीजद के साथ मोदी सरकार के अच्छे संबंधों के कारण श्री पांडा पर भी कार्रवाई नहीं की जा रही है। श्री पांडा की देश और विदेश में सौ से ज्यादा निवेश कंपनियां हैं। श्री जोगी ने मुख्यमंत्री रमन ङ्क्षसह के छत्तीसगढ़ के बड़े कारोबारी कमल किशोर सारदा के साथ घनिष्ठ संबंधों की भी जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि श्री सारदा की कंपनी आइडियल पॅजिशङ्क्षनग ऑफशोर और श्री अभिषेक ङ्क्षसह की कंपनी क्वेस्ट हाइट््स ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में एक ही पते पर पंजीकृत हैं।
उन्होंने कहा कि यदि मोदी सरकार इन सभी मामलों की जांच दो अक्टूबर तक शुरू नहीं करती है, तो उनकी पार्टी दिल्ली के जंतर-मंतर और छत्तीसगढ़ में विभिन्न स्थानों पर धरना-प्रदर्शन करेगी।