मोदी सरकार के खिलाफ गोलबंदी, मानसून सत्र में इन 5 मुद्दों पर विपक्ष का हल्लाबोल

सोमवार से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र के हंगामेदार रहने के पूरे आसार हैं. विपक्ष ने इस बार सरकार को घेरने के लिए संयुक्त रणनीति बनाई है. कांग्रेस की कोशिश है कि पूरा विपक्ष एकजुट होकर सरकार पर हमला बोले. वैसे सोमवार की पहली तस्वीर में विपक्ष बिखरा ही नज़र आएगा, जब राष्ट्रपति पद के लिए वोटिंग होगी तो जेडीयू एनडीए के पाले में नज़र आएगा.

इसके बावजूद कांग्रेस को लगता है कि राष्ट्रपति चुनाव एक अलग मसला है, बाकी मुद्दों पर विपक्ष की 18 पार्टियां एकमत हैं. इसके लिए विपक्षी पार्टियों ने तय भी किया है कि वो महीने में कम से कम एक बार जरूर मिला करेंगी, जिससे सरकार पर दबाव बनाने के लिए तय किये मुद्दों पर वो एकजुट दिखें. इसलिए मानसून सत्र के लिए विपक्ष ने 5 मुद्दे तय कर लिए हैं, जिसके जरिये एकजुट होकर वो सरकार को घेरेगा.

1. किसान का मुद्दा- विपक्ष को लगता है कि मध्य प्रदेश समेत तमाम राज्यों में किसानों का मसला सरकार को बैकफुट पर ला सकता है और इसके जरिये नीतीश समेत सभी विरोधी दलों को इकट्ठा किया जा सकता है.

2. नौकरियों का मुद्दा- नोटबंदी और जीएसटी के असर के चलते अर्थव्यवस्था पर पड़े असर को नौकरियों से जोड़कर सरकार को घेरने की कोशिश है. दरअसल, सीधे नोटबन्दी और जीएसटी का मामला उठाने से जेडीयू की लाइन अलग होने का खतरा भी विपक्ष को है.

3. मॉब लिंचिंग- पीएम की बार चेतावनी के बावजूद गौरक्षकों की गुंडागर्दी और मॉब लिंचिंग को मुद्दा बनाकर सरकार को घेरने की कोशिश होगी.

4. चीन का मुद्दा- भले ही, सरकार ने चीन के मुद्दे पर सत्र से पहले विपक्षी दलों की बैठक बुला ली हो, लेकिन विपक्ष चीन के मुद्दे पर सरकार को आड़े हाथ लेने को तैयार है.

5. कश्मीर का मुद्दा- विपक्ष पहले से ही सरकार की कश्मीर नीति पर लगातार सवाल उठता रहा है, ऐसे संसद सत्र में इस मुद्दे का जोर शोर से उठना लाज़मी ही है.

संसद के मानसून सत्र पर विपक्ष के नेता ग़ुलाम नबी आजाद ने कहा कि सभी विपक्षी पार्टियों ने मिलकर मुद्दे तय किए हैं, जो सभी मिलकर संसद में सरकार के सामने उठाएंगे.

लोकसभा से विनोद खन्ना और राज्यसभा के दो सिटिंग सांसदों के निधन के चलते सोमवार को तो संसद उनको श्रद्धांजलि देकर स्थगित हो जाएगी, सिर्फ राष्ट्रपति पद के लिए मतदान ही होगा. ऐसे में तैयार रहिए मंगलवार को संसद के हंगामेदार सत्र की औपचारिक शुरुआत के लिए.

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