राजनाथ बोले- कोई ताकत नहीं रोक सकती कश्मीर मसले का हल, सेना को दी है खुली छूट

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत के खिलाफ हिंसात्मक गतिविधियां चलाने के लिए पाकिस्तान को एक बार फिर आड़े हाथ लेते हुए शनिवार को कहा कि विश्व की कोई ताकत सरकार को कश्मीर मसले का हल करने से नहीं रोक सकती।
उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार ने आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सेना को खुली छूट दे रखी है और कश्मीर में सीमा पार से होने वाली फायरिंग का माकूल जवाब दिया जा रहा है। 

भाजपा की ‘गुजरात गौरव यात्रा’ के तहत सूरत जिले की एक जनसभा को संबोधित करते हुए गृह मंत्री ने कहा, ‘पाकिस्तान यहां आतंकवादी भेजता है और देश के टुकड़े करना चाहता है।

लेकिन मैं बताना चाहता हूं कि कश्मीर को लेकर किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है। विश्व की कोई ताकत इस मसले का हल नहीं रोक सकती। हमारे पड़ोसी देश का नाम ‘पाकिस्तान’ है लेकिन यह हमेशा ‘नापाक’ गतिविधियों में लिप्त रहता है।’ 

उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री पाकिस्तान को अपना पड़ोसी मुल्क मानते हुए इस मसले का शांतिपूर्ण द्विपक्षीय हल करने का हरसंभव प्रयास कर रहे हैं।

वह सभी प्रोटोकॉल तोड़कर पाकिस्तान भी गए लेकिन पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। यह लंबे समय तक नहीं चलेगा। गृह मंत्री ने कहा कि उन्होंने पाकिस्तान की फायरिंग का जवाब सफेद झंडा (शांति का प्रतीक) दिखाने के बजाय बुलेट से देने के लिए सेना को खुली छूट दी हुई है। 

सेना को खुली छूट देने का ही नतीजा है कि 2016-17 के दौरान जम्मू-कश्मीर में रिकॉर्ड संख्या में आतंकी मारे जा रहे हैं। हम इनकी संख्या नहीं बता सकते क्योंकि किसी दिन एक मारा जाता है तो किसी दिन दो या चार या छह आतंकी मारे जाते हैं। हमारी सेना के जवान उनका सामना ‘जय श्री राम’ के उद्घोष के साथ कर रहे हैं। इससे पहले इतनी बड़ी संख्या में आतंकियों का खात्मा कभी नहीं हुआ था।

पाक को हमारे सफेद झंडे की कद्र नहीं 
गृह मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के कुछ ही महीने बाद उन्होंने बीएसएफ के महानिदेशक को सफेद झंडे दिखाने की परंपरा खत्म करने का आदेश दिया।

पाकिस्तान की नजर में इसकी कोई कद्र नहीं थी। जब-जब सीमा पार से फायरिंग होती थी तो हम सफेद झंडे दिखाते थे। लेकिन पाक सेना ने जब हमारे पांच नागरिकों को मार गिराया तो हमने डीजी से कहा कि अब 17वीं बार सफेद झंडे दिखाने की जरूरत नहीं है। हम सोलह बार तक शांति का संदेश दे चुके हैं, अब जवाबी हमले से ही बात बनेगी।

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