रिम्स के वरीय चिकित्सकों की वीआरएस लेने की चेतावनी
पहले से ही चिकित्सकों की कमी झेल रहे सूबे के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स के कई वरीय चिकित्सकों ने वीआरएस लेने की चेतावनी दी है. रोगियों की बढ़ती संख्या, कम होती नर्सें और पारा मेडिकल स्टॉफ के साथ-साथ हर दिन जांच के नाम पर प्रताड़ित चिकित्सकों ने साफ कर दिया है कि सरकार व्यवस्था सुधारे नहीं तो वे रिम्स छोड़ने को मजबूर हो जाएंगे.
बता दें कि सूबे के प्रीमियर मेडिकल संस्थान रिम्स के चिकित्सक इन दिनों खासे नाराज हैं. रिम्स की व्यवस्था सुधारे जाने के लिए सरकार द्वारा बनाई गई टीम का गाहे बगाहे रिम्स पहुंचने से नाराज चिकित्सकों ने साफ कर दिया है कि सरकार की इस व्यवस्था को लागू करने से पहले रिम्स की कमियों में सुधार करें.
रिम्स के वरीय चिकित्सक की नाराजगी के कारण –
* रिम्स में पांच गुणा बढ़ गई रोगियों की संख्या
* लगातार घट रही है चिकित्सकों की संख्या
* एक एक डॉक्टर पर तीन सौ से ज्यादा रोगियों का भार
* वर्षों से सीनियर डॉक्टरों को नहीं मिला है प्रमोशन
* हर दिन स्वास्थ्य विभाग की टीम के निरीक्षण से भी है नाराजगी
* नर्सिंग स्टाफ और पारा मेडिकल की संख्या आधी से भी कम
रिम्स के चिकित्सक शिक्षक संघ ने साफ कर दिया है कि हर कुव्यवस्था के लिए डॉक्टरों को जिम्मेवार समझने की जगह सरकार और रिम्स प्रबंधन पहले व्यवस्था में सुधार करें. ऐसा नहीं किए जाने की सूरत में दो साल के अंदर 25 से अधिक वरिष्ठ चिकित्सक रिम्स छोड़ने को मजबूर हो जाएंगे.
रिम्स के डॉक्टर भले ही संसाधनों की कमी का हवाला देकर आक्रोशित हों पर यह भी एक सच्चाई है कि चिकित्सकों को सबसे ज्यादा परेशानी सरकार द्वारा बनाई उस कमिटी से भी है जो डॉक्टरों के निजी प्रैक्टिस और रिम्स से गायब होने पर नजर रखेगी. ऐसे में सरकार और रिम्स प्रबंधन के लिए जहां एक ओर रिम्स में व्यवस्था बनाए रखने की चुनौती होगी वहीं संसाधन बढ़ाने की डॉक्टरों की मांग को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.