वर्ल्ड का सबसे यूजलेस एयरपोर्ट जहां एक साल बाद पहुंची फ्लाइट

लंदनः ब्रिटिश आइलैंड सेंट हेलेना पर बने एयरपोर्ट को वर्ल्ड का सबसे यूजलेस एयरपोर्ट कहा जा रहा है। कारण ये है कि यहां पहली कॉर्मशियल फ्लाइट एक साल बाद पहुंची है। इसके चलते इसे वर्ल्ड का सबसे यूजलेस एयरपोर्ट भी कहा जाता है। इसे बनाने में 2453 करोड़ रु. की रकम खर्च हुई।

यह आइलैंड साउथ अटलांटिक के मिडल में स्थित है। यह वही जगह है जहां फ्रैंच एम्परर नेपोलियन बोनापार्ट निर्वासन के दौरान रहे थे। 2016 में ही बनकर तैयार हुए इस एयरपोर्ट पर गत शनिवार को पहली कमर्शियल फ्लाइट का स्वागत किया गया।   फ्लाइट  में 78 पैसेंजर साउथ अफ्रीका से यहां पहुंचे।  रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार को सेंट हेलेना आइलैंड पर सभी पैसेंजर एयरलिंक के एम्ब्रेयर ई190-100।जीडब्ल्यू एयरक्राफ्ट से स्थानीय समयानुसार 1.58 बजे एयरपोर्ट पर उतरे।

जोहानिसबर्ग से आ रही इस फ्लाइट को 1.15 बजे लैंड करना था, लेकिन फ्लाइट करीब 45 मिनट की देरी से यहां पहुंची।  सेंट हेलेना आइलैंड पर करीब 4500 लोग रहते हैं। यह आइलैंड साल 1658 से ब्रिटेन की कॉलोनी रहा है। आइलैंड दूर-दूर तक पत्थर और चट्टानों से अटा पड़ा है। इसका मैदानी इलाका विलुप्त हो रही वायर बर्ड के घर की तरह है। ये मशहूर टूरिस्ट प्लेस के तौर पर गिना जाता है। यहां आने वाले टूरिस्ट स्कूबा डाइविंग के साथ नेचुरल ब्यूटी का मजा ले सकते हैं। – हालांकि, यहां पहुंचने के लिए बहुत लंबा सफर करना पड़ता था, जिसके चलते 1930 से ही यहां एयरपोर्ट बनाए जाने की कवायद की जा रही थी।

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