विधायकों से दूरी न बनाएं मंत्री : नाथ

भोपाल । लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंत्रालय में कैबिनेट बैठक  में सरकार की आगामी रणनीति पर चर्चा की, जिसमें मुख्यमंत्री ने मंत्रियों से कहा कि वे कांग्रेस एवं सहयोगी विधायकों के संपर्क में रहें। उनके फोन भी उठाएं। बताया गया कि बैठक में प्रस्ताव पर चर्चा नहीं हुई। सोमवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव पर चर्चा होगी। इसके साथ ही शाम को मुख्यमंत्री ने कांग्रेस विधायकों से चर्चा कर हार के कारणों को जानने की कोशिश की। एक ह ते के भीतर मुख्यमंत्री ने पार्टी विधायकों के साथ दूसरी बात मुलाकात की है।  

वचन पत्र को पूरा करने के निर्देश
बैठक के बाद मंत्री जीतू पटवारी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने हमारी योजनाओं की समीक्षा की। विभागवार समीक्षा की प्लानिंग की। हमारे वचन पत्र की घोषणआओं को कैसे काम किया जाए इस पर बात की गई। लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत पर भी मंथन किया गया। सकारात्मकता से एकजुट होकर कांग्रेस का विचार, हमारी योजना, हमारी मुख्य कर्जमाफी की योजना को किस तरह से पूरा किया जाए, इस पर बहुत गंभीरता और सकारात्मक चर्चा की गई। 

प्रदेश अध्यक्ष का फैसला हाईकमान करेगा
मंत्री जीतू पटवारी ने बताया कि जहां तक पीसीसी अध्यक्ष का सवाल है तो इसका फैसला पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी समेत वरिष्ठ नेता लेंगे। उन्होंने कहा कि जहां तक इस्तीफे की बात है तो कमलनाथ ने मुख्यमंत्री बनने के बाद ही पद छोडऩे की इच्छा जाहिर की थी, मगर नेताओं के अनुरोध और लोकसभा चुनाव के चलते फैसला टल गया था। 

भाजपा जब चाहे साबित कर देंगे बहुमत
मंत्री जीतू पटवारी ने दावा किया कि जब भाजपा का मन हो जब उसकी इच्छी हो, जिस स्टेज पर चाहे तब जहां सरकार के बहुमत साबित करने का मन होगा प्रथम दृष्टया से करेंगे। यह ताकत की सरकार, बहुमत की सरकार आगे दस साल रहेगी।

मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें तेज
मंत्रिमंडल विस्तार होने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। एक चर्चा यह भी है कि कमलनाथ कैबिनेट का नए सिरे से गठन कर सकते हैं। खबर है कि कमलनाथ कैबिनेट में मुख्यमंत्री समेत अन्य 28 मंत्री हैं। इसलिए मंत्रिमंडल में 6 नए चेहरे ही शामिल किए जा सकते हैं। इनमें छह बार के विधायक केपी सिंह, बिसाहूलाल सिंह, एंदल सिंह कंसाना और राज्यवर्द्धन सिंह दत्तीगांव, निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह ठाकुर और केदार सिंह डाबर ,बसपा विधायक संजीव सिंह कुशवाह और रामबाई और सपा से राजेश शुक्ला के नाम चर्चा मे बने हुए है। ये सभी लंबे समय से पार्टी से नाराज चल रहे है और कई बार अपनी नाराजगी भी जाहिर कर चुके है, इनमे शेरा और रामबाई तो कई बार समर्थन वापस लेने की भी धमकी दे चुके हैं। 

Leave a Reply