शताब्दी में दो बार परोसा चूहे का खाया खाना

मुंबई

एक तरफ जहां भारतीय रेलवे अपनी शताब्दी एक्सप्रेस जैसी ट्रेन को 'प्रीमियम' कैटिगरी में रखता है, वहीं शहर के बिजनसमैन को इसने तगड़ा झटका दिया है। बुधवार को अहमदाबाद से मुंबई सेंट्रल के लिए चली ट्रेन में उन्हें चूहे का खाया खाना परोसा गया।

यात्रा कर रहे एबी मेहता (परिवर्तित नाम) ने बताया, 'यह बेहद चौंकाने वाला अनुभव था, वह भी ऐसी ट्रेन में जिसे भारतीय रेलवे की प्रतिष्ठित ट्रेनों में गिना जाता हो।' पहले यात्री को सूप और ब्रेड स्टिक दी गई, जिसे चूहों ने कुतर रखा था। बाद में जब डिनर का नंबर आया, तब भी चूहे का खाया खाना नसीब हुआ।

मेहता ने ट्रेन में शिकायत भी की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। वेस्टर्न रेलवेज के पीआरओ ने बताया, 'हम पहले पैंट्री कार को शो कॉज नोटिस जारी करेंगे, अगर कॉन्ट्रैक्टर दोषी पाया गया तो भारी जुर्माना लगाया जाएगा।'

एक अधिकारी ने बताया, 'हम उसे अचानक नहीं निकाल सकते, क्योंकि हमें डेली सर्विस के बारे में भी सोचना होगा। तुरंत किसी कॉन्ट्रैक्टर को अपॉइंट करना भी एक बड़ी चुनौती है, जिसमें महीनों तक लग सकते हैं।' वह बताते हैं, 'अभी तो यह काम जोनल रेलवेज के जिम्मे है, कुछ वक्त के बाद यह आईआरसीटीसी के हिस्से में चला जाएगा।' एक रेलवे अधिकारी ने बताया कि पिछले एक साल में 2000 अलग-अलग केसों के चलते ठेकेदारों से 1.8 करोड़ का जुर्माना वसूला जा चुका है।

सेंट्रलाइज्ड कैटरिंग सर्विस मॉनिटरिंग सेल पैसेंजर्स/ग्राहकों से मिली शिकायतों पर टोल फ्री नंबर 1800-111- 321 से संज्ञान लेती है। बाद में ये शिकायतें कैटरिंग के जिम्मेदार लोगों तक पहुंचती हैं। डीआरयूसीसी मेंबर मयूर ने बताया, 'रेलवेज को ऐसे ठेकेदार पर भारी जुर्माना लगाकर उसे ब्लैकलिस्ट करना चाहिए। सूत्रों ने बताया कि संबंधित ठेकेदार का ट्रैक रेकॉर्ड पहले से खराब है व उस पर पहले भी इस तरह के केसों के चलते जुर्माना वसूला जा चुका है।'

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