श्रीलंका में कड़ी सुरक्षा के बीच मनाई गई बुद्ध जयंती, राष्ट्रपति ने रिहा किए 762 कैदी
कोलंबो । श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने वेसाख (बुद्ध जयंती) के अवसर पर 762 सजायाफ्ता कैदियों को क्षमादान प्रदान किया। बौद्ध बहुल इस देश में कड़ी सुरक्षा के बीच वेसाख मनाया जा रहा है। बीते 21 अप्रैल को ईस्टर के दिन श्रीलंका में हुए बम हमलों में 250 से ज्यादा लोगों के मारे जाने और करीब 500 लोगों के घायल होने की घटना के मद्देनजर सुरक्षा कड़ी की गई है। देश के मौजूदा सुरक्षा हालात का हवाला देते हुए श्रीलंका सरकार ने वेसाख महोत्सव के पांच दिन के राष्ट्रीय कार्यक्रम को सिर्फ दो दिनों तक सीमित कर दिया है।वेसाख मई महीने में पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। दुनिया के विभिन्न देशों में रहने वाले बौद्ध धर्मावलम्बी वेसाख को सबसे पवित्र दिन मानते हैं। भगवान बुद्ध का जन्म वेसाख के दिन ही हुआ था।
वेसाख के अवसर पर राष्ट्रपति सिरिसेना ने 26 महिलाओं सहित 762 कैदियों को जेल से रिहा कराया। हालांकि, राष्ट्रपति ने बौद्ध भिक्षु गलागोडाट्टे ज्ञानसारा का कोई जिक्र नहीं किया, जिसकी रिहाई की मांग बौद्ध नेता कर रहे हैं। अदालत की अवमानना के मामले में जेल में बंद ज्ञानसारा 2013 से मुस्लिम अल्पसंख्यक विरोधी अभियान के अगुवा रहे हैं। ऐसी अटकलें थीं कि सिरिसेना उन्हें वेसाख के मौके पर रिहा कर सकते हैं। जिन्हें रिहा किया गया है वे मामूली अपराधों में दोषी करार दिए गए थे।