श्री गोविन्द बरसाएंगे धन, काली गाय को खिलाएं ये चीज

कल कार्तिक शुक्ल अष्टमी के उपलक्ष्य में गोपाष्टमी पर्व मनाया जाएगा। श्रीकृष्ण ने कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा से सप्तमी तक गाय-गोप-गोपियों की रक्षा हेतु गोवर्धन पर्वत को धारण किया था। इसी कारण उनका नाम गोविंद पड़ा था। कार्तिक शुक्ल अष्टमी पर इंद्र हार कर श्रीकृष्ण की शरण आए और उनका कामधेनु के दूध से अभिषेक किया। इसी कारण गोपाष्टमी पर्व मनाया जाता है। सनातन धर्म में गाय, गंगा, गायत्री, गीता, गोवर्धन व गोविंद पूज्य हैं। शास्त्र कहते हैं

 

 "सर्वे देवा: स्थिता देहे सर्व-देवमयी हि गौ:" 

 

अर्थात गाय की देह में समस्त देवी-देवताओं का वास है। अतः यह सर्वदेवमयी है। गाय के गोबर में लक्ष्मी, गोमूत्र में भवानी, चरणों में देवता, रंभाने में प्रजापति और थनों में समुद्र बसते हैं। पद्म पुराण के अनुसार गौमुख में चारों वेदों, सींगों में शंकर व विष्णु, उदर में कार्तिकेय, मस्तक में ब्रह्मा, ललाट में रुद्र, नेत्रों में सूर्य व चंद्र आदि तैंतीस कोटी देवी-देवता विराजमान हैं। 

 

गोपाष्टमी के विशेष पूजन व उपाय से धन व सुख-समृ्द्धि की प्राप्ति होती है और घर-परिवार में लक्ष्मी का वास होता है।

 

विशेष पूजन: दोपहर के बाद गौ व गोविंद का विधिवत पूजन करें, सरसों के तेल का दीप करें, सुगंधित धूप करें, सफेद फूल चढ़ाएं, सरसों के तेल में तली पूड़ी व उड़द के पुए का भोग लगाएं तथा 108 बार विशिष्ट मंत्र का जाप करें। इसके बाद भोग किसी काली गाय को खिला दें।

 

पूजन मंत्र: ॐ गोप-गोपीश्वराय नमः॥

 

मंत्र: ॐ गोविन्दाय नमः॥

 

धन प्राप्ति के लिए गाय के चरणों में चढ़े 8 कागजी बादाम तिजोरी में छुपाकर रखें। 

 

पारिवारिक सुख-समृद्धि के लिए दंपति किसी काली गाय को भिगोई हुई उड़द खिलाएं।

 

घर-परिवार में लक्ष्मी वास हेतु आज से 43 दिन लगातार गाय के उपले की धूनी करें। 

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