सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर, सुपरटेक के होम बायर्स को लौटाया जाए मूलधन

नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को यह आदेश दिया है कि नोएडा की सुपरटेक परियोजनाओं में फ्लैट बुक कराने वाले 26 खरीदारों को मूलधन लौटाया जाए। गौरतलब है कि सुपरटेक की नोएडा (उत्तर प्रदेश) परियोजना को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गिराने का आदेश दिया था।

 

क्या कहना है कोर्ट का: प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा समेत तीन सदस्यीय खंडपीठ ने इस मामले में न्याय मित्र की भूमिका निभा रहे वकील गौरव अग्रवाल की रिपोर्ट पर विचार किया। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि सुपरटेक के ट्विन एमराल्ड टावर के अनेक मकान खरीदारों में से 26 को कोई पैसा वापस नहीं मिला है।

 

इस खंडपीठ में जिसमें जस्टिस ए एम खानविलकर और डी वाई चंद्रचूड भी शामिल हैं ने बताया कि इस रियल इस्टेट फर्म ने न्यायालय की रजिस्ट्री में 20 करोड रूपए जमा कराये थे और इस धन का इस्तेमाल उन मकान खरीदारों का मूल धन लौटाने के लिये किया जायेगा जिन्हें अभी तक कोई भी पैसा वापस नहीं मिला है। पीठ ने इसके साथ ही धन वितरण में न्याय मित्र से सहयोग करने को कहा है।

 

साथ ही खंडपीठ ने यह भी कहा कि मकान खरीदारों को मूलधन पर देय ब्याज और निवेश पर वापसी में कटौती के मुद्दों पर बाद में विचार किया जायेगा। कुछ मकान खरीदारों की ओर से पैरवी कर रहे वकील अखिलेश कुमार पाण्डे और शोएब आलम ने बताया कि परेशान खरीदारों के हितों की रक्षा किए जाने की जरूरत है।

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