सूरत की 12 वर्षीय खुशी शाह ने भिक्षु बनने के लिए ली दीक्षा
गुजरात में सूरत की 12 वर्षीय खुशी शाह ने भिक्षु बनने के लिए दीक्षा ली है। खुशी के मुताबिक, जब वह छोटी थी तभी उसके परिवार ने कई लोगों ने दीक्षा ग्रहण की। खुशी ने कहा था कि इस दुनिया में आनंद थोड़े समय के लिए है और यह स्थायी नहीं है। मैं 12 साल की हूं मैं दीक्षा लेना चाहती हूं।
इससे पहले भी कई युवा जैन भिक्षु बनने के लिए आराम व एश्वर्य का त्याग कर चुके हैं।
हीरा कारोबारी का 12 वर्षीय बेटा सांसारिक मोह-माया त्याग कर बना जैन भिक्षु
गुजरात में इससे पहले सूरत के हीरा कारोबारी दीपेश शाह के 12 वर्षीय बेटे भव्य जैन आज सांसारिक मोह-माया त्याग कर जैन भिक्षु बन गया था। हीरा कारोबारी के बेटे भव्य जैन को उमरा स्थित जैन संघ में आचार्य रश्मिरत्नसूरी ने दीक्षा दी। दीक्षा के दौरान जैन मुनि और काफी लोग भी मौजूद थे।
भव्य शाह के मुताबिक, ईश्वर के दिखाए सच्चे मार्ग को अपनाकर मैं खुश हूं। मैं अपने माता-पिता को छोड़ रहा हूं क्योंकि उन्होंने मुझे सिखाया कि यही सच्चा मार्ग है। मेरे पिता और मां भी एक दिन इसी मार्ग पर आएंगे। वहीं, दीपेश शाह का कहना है कि भव्य के दीक्षा संस्कार को लेकर हमारा परिवार काफी खुश है। चार साल पहले मेरी बेटी प्रियांशी ने भी 12 साल की उम्र में दीक्षा ग्रहण की थी।
गौरतलब है कि भव्य शाह की शानदार तरीके से फरारी गाड़ी में शोभा यात्रा निकाली गई थी। गाड़ियों और परफ्यूम का शौक रखने वाले भव्य की इच्छा थी कि उसकी यात्रा बड़ी गाड़ी में निकाली जाए। भव्य की इच्छा उसके पिता के दोस्त ने फरारी गाड़ी भेज कर पूरी की थी। हीरा करोवारी दीपेश शाह के तीन बच्चे है, जिसमें दो बेटे और एक बेटी है। भव्य की बड़ी बहन प्रियांशी ने भी 12 साल की उम्र में ही दीक्षा ग्रहण की थी।
सौ करोड़ का कारोबारी मोक्षेस सेठ बना जैन भिक्षु
मुंबई में सौ करोड़ के एक कारोबारी मोक्षेस सेठ ने जैन भिक्षु बनने का फैसला लिया है। 24 वर्षीय चार्टेड अकाउंटेंट (सीए) जैन परिवार से ताल्लुक रखते हैं। मूल रूप से वह बनासकांठा के रहने वाले हैं। एल्युमिनियम कारोबार में इस परिवार की पहचान है। सांगली में उनका कारखाना स्थित है।
पिता संदीप सेठ ने कारोबार की जड़ें जमाई थीं और मोक्षेस ने सीए करने के बाद दो साल पहले इसमें कदम रखा था। जैन भिक्षु बनने के बाद उन्हें करुणप्रेम विजय के नाम से जाना जाएगा। चाचा गिरीश सेठ ने बताया कि गांधीनगर में दीक्षा समारोह आयोजित किया गया था। उनका कहना है कि सारा परिवार फिलहाल मुंबई में रह रहा है। उनका कहना है कि मोक्षेस कारोबार को अच्छे से संभाल रहा था।