हरियाणा विस चुनावः ‘किंगमेकर’ बनने की बेताबी में कुछ सीटों पर मुकाबला बन गया त्रिकोणीय
हरियाणा में देखा जाए तो विधानसभा के चुनाव रण में अधिकतर सीटों पर सीधी लड़ाई कांग्रेस और भजपा के बीच है, पर कुछ सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय बन गया है। प्रदेश की कुछ सीटें ऐसी है, जहां पूर्व सांसद अजय चौटाला की जननायक जनता पार्टी (जजपा) ने मुकाबला त्रिकोणीय बना दिया है। मौजूदा परिस्थितियों को भांपकर जजपा ने अपने नए गेम प्लान के तहत पूरा फोकस अब उन सीटों पर कर दिया है, जहां से उन्हें जीत की ज्यादा संभावनाएं दिख रही हैं।
इसके पीछे जजपा की सोच है कि भले ही पूर्ण बहुमत से पार्टी सरकार न बना पाए, मगर ‘किंगमेकर’ की भूमिका में आकर भी सरकार बनाने में अहम रोल अदा किया जा सकता है। चौटाला परिवार के विघटन से उभरी जजपा का भी यह पहला विधानसभा चुनाव है। हालांकि जजपा ने इसी बरस मई 2019 में इंडियन नेशनल लोकदल से अलग अकेले ही लोकसभा चुनाव भी लड़ा था। मगर नतीजों ने इनेलो की तरह जजपा को भी निराश ही किया था।
इसी को देखते हुए विधानसभा चुनाव से पहले इनेलो और जजपा के विलय के प्रयास भी हुए। मगर जजपा सुप्रीमो अजय चौटाला के पूर्व सांसद बेटे दुष्यंत चौटाला ने इस तरह की संभावनाओं को सिरे से खारिज कर अकेले ही विधानसभा के रण में कूदने का निर्णय लिया था। अब जजपा अकेले ही मैदान में है। इस चुनाव में जजपा ने एक-एक सीट के समीकरणों को देखते हुए आखिरी दौर तक सभी 90 सीटों पर सात चरणों में अपने प्रत्याशी उतारने का काम किया।
मगर अब जजपा का फोकस उन्हीं सीटों पर ज्यादा है, जहां उन्हें जीत की संभावनाएं प्रबल दिख रही है। ताकि इतनी सीटें जीती जा सकें कि ‘किंगमेकर’ की भूमिका में आया जाए। मगर अब देखना यह है कि भाजपा के आक्रामक अभियान और कांग्रेस की मोर्चाबंदी के बीच जजपा अपनी रणनीति से अपनी ‘मंशा’ कैसे पूरी करती है। जजपा समर्थित विधायक राजदीप फौगाट कहते हैं वैसे तो हम सरकार बनाने के लिए लड़ रहे हैं, मगर परिस्थितियां पूरी तरह साथ न हुई, तो कम से कम ‘किंगमेकर’ की भूमिका में हम जरूर आना चाहते हैं।
इन सीटों पर मुकाबले बने त्रिकोणीय
उचाना कलां: इस सीट से पूर्व सांसद दुष्यंत चौटाला खुद मैदान में है। जबकि राज्यसभा सदस्य चौधरी बीरेंद्र सिंह की पत्नी व सांसद बृजेंद्र सिंह की मां एवं मौजूदा विधायक प्रेमलता भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं। कांग्रेस ने बलराम कटवाल को मैदान में उतारा है। मुकाबला यहां दिलचस्प और बेहद रोचक है।
बाढड़ा: इस सीट से दुष्यंत चौटाला की मां विधायक नैना चौटाला रण में है। डबवाली की बजाए नैना इस बार नई सीट से चुनाव लड़ रही हैं, क्योंकि इस क्षेत्र में उनके पूर्व सांसद पति अजय चौटाला का अच्छा प्रभाव माना जाता है। भाजपा ने इस सीट से मौजूदा विधायक सुखविंद्र माढ़ी पर दोबारा दांव खेला है। जबकि कांग्रेस ने यहां पूर्व सीएम बंसीलाल के बेटे रणबीर महिंद्रा को टिकट दिया है। सीट पर तीनों प्रत्याशियों के बीच कांटे की टक्कर है।
उकलाना: इस आरक्षित सीट पर जजपा ने यहां मौजूदा विधायक अनुप धानक को फिर से मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने यहां बाला देवी को टिकट दिया है, लेकिन कांग्रेस के एक बागी नेता भी आजाद प्रत्याशी के रूप में मैदान में हैं। भाजपा ने यहां से आशा खेदर पर दांव खेला है। टक्कर इस सीट पर भी रोमांचक है।
टोहाना: इस सीट पर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला मैदान में हैं। जबकि कांग्रेस ने पूर्व मंत्री परमवीर सिंह पर दांव खेला है। जजपा की ओर से देवेंद्र सिंह बबली रण में है। इस सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय और कांटे का बना हुआ है।
झज्जर: इस आरक्षित सीट पर भाजपा ने डा. राकेश कुमार को प्रत्याशी बनाया है। जबकि कांग्रेस की ओर से पूर्व मंत्री व मौजूदा विधायक गीता भुक्कल मैदान हैं। पूर्व सीएम हुड्डा उनकी जीत के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं। जजपा ने इस सीट पर नसीब सोनू वाल्मीकि को चेहरा बनाया है। यहां वोटाें के ध्रुवीकरण से मुकाबला रोचक बन गया है।
लोहारू: इस सीट पर पूर्व सीएम बंसीलाल के दामाद सोमवीर सिंह कांग्रेस के प्रत्याशी हैं। जबकि भाजपा ने जेपी दलाल पर दांव खेला है। उधर, जजपा की ओर से अलका आर्य ताल ठोक रही हैं। मुकाबला इस सीट पर भी जबरदस्त है।
दादरी: ‘दंगल’ गर्ल पहलवान बबीता फौगाट भाजपा की टिकट पर मैदान में है। बबीता को टिकट मिली तो भाजपा नेता एवं पूर्व प्रत्याशी सोमबीर सांगवान आजाद मैदान में उतर गए। कांग्रेस ने मेजर नृपेंद्र सिंह सांगवान को रण में उतारा, तो जजपा ने यहां से अपने समर्थित मौजूदा विधायक राजदीप फौगाट की बजाए पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान पर दांव खेल दिया। मौजूदा विधायक राजदीप अपने प्रत्याशी की पूरी मदद कर रहे हैं। मौजूदा समीकरणों ने इस सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय और बेहद रोमांचक बना हुआ है।
नरवाना: इस आरक्षित सीट से जजपा ने अपने समर्थित मौजूदा विधायक पिरथी सिंह नंबरदार की बजाए रामनिवास वाल्मीकि को टिकट दी है। पिरथी सिंह भी रामनिवास के साथ चल रहे हैं। उधर, कांग्रेस ने इस सीट से विद्या रानी तो भाजपा ने संतोष दनोडा को प्रत्याशी बनाया है। इस सीट पर भी मुकाबला त्रिकोणीय है। इसी तरह जजपा प्रत्याशी नांगल चौधरी, गुहला चीहका, कलायत, जगाधरी, लाडवा, जींद शाहबाद व अटेली सीट पर भी भाजपा-कांग्रेस के प्रत्याशियों को टक्कर दे रहे हैं, क्योंकि जजपा ने इन सीटों पर पूर्व मंत्रियों, पूर्व विधायकों व उनके बेेटों पर दांव खेला है।