हर संकट की अचूक काट है Tuesday की शाम इस विधि से बांधा गया काला धागा

शुभ रंग भाग्योदय कारक होते हैं और अशुभ रंग भाग्य में कमी करते हैं। रंग आंखों के राही हमारे मन में प्रवेश करते हैं एवं हमारे स्वास्थ्य, चिंतन, आचार-विचार आदि पर इनका गहरा प्रभाव पड़ता है। पीढ़ियों से माना जाता है की काला रंग नकारात्मकता की निशानी है। किसी भी शुभ काम में इस रंग के कपड़े न पहनने की सलाह दी जाती है। विद्वान कहते हैं, काले रंग का प्रयोग न करें क्योंकि इस रंग पर राहू का प्रभाव अत्यधिक होता है। जो हमारे जीवन में समस्याएं उत्पन्न करता है। 


यदि काला रंग इतना ही नकारात्मक प्रभाव देता है तो फिर बुरी नजर के प्रभाव से बचने के लिए अक्सर घरों के बाहर काले रंग का मटका या नजर बंध लगाया जाता है ताकि घर को बुरी नजर से बचाया जा सके। काला धागा घर के दरवाजे पर बांधा जाता है या फिर काला टिका लगाया जाता है ताकि घर को बुरी शक्तियों के प्रभाव से बचाया जा सके। तार्किक लोग इन चीजों को प्राचीनकाल से चला आ रहा अंधविश्वास मानते हैं लेकिन मानने वाले इसे बुरी बलाओं को भगा कर सुखी जीवन जीने का सार मानते हैं। काला धागा बांधने अथवा काला-टीका लगाने के पीछे वैज्ञानिक कारण हैं। काला रंग उष्मा का अवशोषक होता है। 


मान्यता है कि काला धागा बुरी नजर को या बुरा ऊर्जाओं को अवशोषित कर लेता है व उनका प्रभाव हम पर नहीं पडऩे देता। यही नहीं मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान जी के चरणों से लगाकर गले में बांधा गया काला धागा सभी बुरी बलाओं से रक्षा करता है। 


धन-दौलत और ऐश्वर्य की प्राप्ति के लिए मंगलवार अथवा शनिवार की शाम काले रंग का रेशमी या सूती धागा खरीदकर हनुमान जी के मंदिर में ले जाएं। हनुमान जी के स्वरूप के समक्ष बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करते हुए धागे पर नौ छोटी-छोटी गांठे लगा लें। फिर उस पर बजरंगबली के चरणों का सिंदूर लगाएं। अब जय सियाराम का जाप करते हुए इस धागे को घर ले आएं। अब इस धागे को मुख्यद्वार पर बांध दें, ऐसा करने से घर में प्रवेश करेगी सुख-समृद्धि और किसी भी तरह का डर, दुश्मन, प्रेत बाधा और बीमारी से स्वयं रक्षा करेंगे संकटमोचन।  


इस धागे को तिजोरी पर भी बांधा जा सकता है। इससे वो कभी खाली नहीं होगी और बढ़ता रहेगा धन। 

 

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