दुर्घटना में एक ही दिन ब्रेन डेड हुए बचपन के दोस्त, जाते जाते 12 लोगों को दे गए नवजीवन

सूरत | शहर की जीडी गोएन्का स्कूल के निकट गत 24 अगस्त को एक्टिवा और कार के बीच हुई दुर्घटना में एक्टिवा दो युवकों को सिर में गंभीर चोट लगी थी| 28 अगस्त को डॉक्टर ने दोनों को ब्रेन डेड घोषित कर दिया| परिवार ने अपने लाडलों का अंगदान कर जरूरतमंदों को जीवनदान देने का फैसला किया| एक ही दिन दुर्घटना में ब्रेन डेड हुए बचपन के दो दोस्त जाते जाते 12 लोगों को नया जीवन दे गए| मीत पंड्या और क्रिश गांधी नामक दो युवक गत 24 अगस्त को एक्टिवा पर सूरत के जीडी गोएन्का स्कूल के निकट से गुजर रहा था| उस वक्त एक अज्ञात कार चालक ने एक्टिवा को पीछे से टक्कर मार दी| कार की टक्कर से मीत और क्रिश उछल कर सड़क पर जा गिरे| इस हादसे में दोनों के सिर में गंभीर चोट आई| वहां से गुजर रहे लोगों ने एम्ब्युलैंस 108 की मदद से दोनों को अस्पताल पहुंचाया| जहां दोनों का सिटी स्कैन कराने पर ब्रेइन हेमरेज और दिमाग में लहू के थक्के जम जाने का खुलासा हुआ| न्यूरो सर्जन ने दिमाग से लहू के थक्के हटा दिए| लेकिन उसका कोई असर नहीं हुआ| 28 अगस्त को डॉक्टर ने मीत और क्रिश दोनों के ब्रेन डेड घोषित कर दिया| जिसके बाद मीत और क्रिश के परिवार ने डोनेट लाइफ के माध्यम से अपने लाडलों के अंगदान करने का फैसला किया| क्रीश के फेफडे हैदराबाद में पूना निवासी और सीआरपीएफ में सेवारत 54 वर्षीय जवान में ट्रांसप्लांट किया गया| जो पिछले डेढ़ साल से 24 घंटे 12 से 15 लीटर ऑक्सीजन सपोर्ट था| मीत का हृदय अहमदाबाद के सिम्स अस्पताल में वडोदरा की 21 वर्षीय युवती में ट्रांसप्लांट किया गया| जबकि क्रिश का लीवर अहमदाबाद के शेल्बी अस्पताल में राजकोट के 55 वर्षीय व्यक्ति में, मीत का लीवर अहमदाबाद के स्टर्लिंग अस्पताल में बायड के रहनेवाले 47 वर्षीय शिक्षक में ट्रांसप्लांट किया गया| इसके अलावा चार किडनी अहमदाबाद के किडनी अस्पताल में जरूरतमंद मरीजों में ट्रांसप्लांट की जाएंगी|

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