मध्य रेल पर ‌अन्तरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया गया

मुंबई। मध्य रेल के भारत रत्न डॉ. बी.आर.आम्बेडकर मेमोरियल रेलवे अस्पताल, भायखला में तनुजा कंसल, अध्यक्षा, मध्य रेल महिला कल्याण संगठन ने नर्सों को प्रोत्साहन स्वरुप 30,000 रुपये का पुरस्कार दिया। मध्य रेल के जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार मध्य रेल महिला कल्याण संगठन (सीआरडब्लूडब्लूओ) रेलकर्मियों और उनके परिवारों की देखभाल एवं सहायता प्रदान करने के लिए हमेशा से‌ अग्रणी रही है। इसने लगातार काम करना जारी रखा है और खुद को विविध कल्याणकारी गतिविधियों के लिए समर्पित किया है। इस संगठन ने हमेशा इस तरह के परोपकारी ध्वज पताका को श्रीमती तनुजा कंसल-अध्यक्षा, मध्य रेल महिला कल्याण संगठन के साथ इसे सबसे आगे ऊपर रखा है। उन्होंने पूरे दिल से और नर्सिंग बिरादरी द्वारा किए गए निस्वार्थ कार्य की सराहना करते हुए, विशेष रूप से ट्राइंग और टैस्टिंग के दौरान और कोविड-19 के परीक्षण के समय, मध्य रेल के डॉ.बी.आर.आम्बेडकर मेमोरियल रेलवे अस्पताल की नर्सों को प्रोत्साहन स्वरूप 30,000 रुपये का पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। हर साल 12 मई को नर्सों के प्रयासों की सराहना करने के लिए विश्व स्तर पर अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जाता है। इस दिन को आधुनिक नर्सिंग के संस्थापक फ्लोरेंस नाइटिंगेल की जयंती के रूप में भी चिह्नित किया जाता है। इस वर्ष विश्व नर्सिंग दिवस की थीम `ए वॉयस टू लीड-ए विजन फॉर फ्यूचर हेल्थ केयर' है। श्रीमती कंसल ने कहा कि एक नर्स का काम अद्वितीय है, जो अपनी दया और करुणा से मरीजों के दिलों को खुश करती है। नर्सें चाहे वह चिकित्सा सहायता के रूप में हो या कुछ प्रकार के उत्साहजनक शब्दों के रूप में और सामान्य रूप से और विशेष रूप से उनके कोविड महामारी के दौरान प्रत्येक रोगी की मदद एवं देखभाल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। श्रीमती कंसल ने आगे कहा कि नर्सों के प्यार, देखभाल और समझ ने कई लोगों के जीवन में बदलाव किया है। नर्सों ने मरीजों की देखभाल करने के लिए अपने कर्तव्य से परे जाकर पूरे समर्पण के साथ काम किया है। नर्सिंग स्टाफ द्वारा किए गए ईमानदार और अद्भुत काम की सराहना करते हुए, श्रीमती कंसल ने भायखला के रेलवे अस्पताल की नर्सों को 30,000 रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की है, जिसकी उनके द्वारा काफी सराहना की गई है। इससे नर्सों का मनोबल भी बढा है, क्योंकि उन्होंने अपने कर्तव्य का पालन करने में गर्व की भावना का अनुभव किया है।

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