डा. दिलीप कुमार जायसवाल: बिहार में भूमि सर्वेक्षण में बदलाव, 50 साल से जमीन पर रहने वालों को राहत

बिहार: 50 साल से एक ही जमीन पर बिना कागजात के रहे लोगों के लिए बिहार सरकार ने राहत दी है. बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डा. दिलीप कुमार जायसवाल की घोषणा से राज्य के किसानों में खुशी का माहौल है. उन्होंने कहा कि 50 साल पहले जो किसानों ने आपसी बंटवारा कर जमीन पर दखल कब्जा में रह रहे हैं और कोई विवाद नहीं हैं, उन्हें अब कोई कागजात दिखाने की जरूरत नहीं है. राजस्व मंत्री ने कहा है कि वे अपने अपने नाम से सर्वे करा सकते हैं. इसके अलावा राजस्व मंत्री ने बताया कि जिस जमीन पर विभाग के तरफ से रोक लगी है, वह या तो सरकारी जमीन है या खासमहल जमीन है. ऐसी जमीनों के लिए एक कमेटी बनाई गई है. खासमहल जमीन के लिए अलग से एक मसौदा तैयार किया जा रहा हैं. मंत्री दिलीप जायसवाल ने कहा कि शहर क्षेत्र के लगान का भी निर्धारण कर लिया गया है, जल्द ही सभी वार्डो में शिविर लगेगा और सभी का रसीद काटा जाएगा.

शहरी क्षेत्रों में पिछले लगभग 35 वर्षों से लगान निर्धारण नहीं हुआ है, जिसको लेकर शहरी क्षेत्र के लोग काफी परेशान हैं. मंत्री दिलीप जायसवाल ने इसके लिए अधिकारियों को 20 दिसंबर तक का समय दिया है. वहीं, पूर्णिया नगर निगम के कई वार्डों का शुल्क निर्धारण हो चुका है. बहुत जल्द ही रसीद कटना भी शुरू हो जाएगा. 1989 से पूर्णिया शहर के पुराने 21 वार्डों के लगान पर रोक लगा दी गयी थी, जिससे सरकार को भी राजस्व का नुकसान हो रहा है.

मंत्री ने बताया कि किसानों से लगान के रूप में मात्र 5 रूपये की दर से प्रति डिसमिल शुल्क तय किया गया है, जिसे रैयतों को प्रति वर्ष के अनुसार जोड़कर जमा करना होगा. इसके लिए सभी वार्डो में बहुत जल्द शिविर लगाया जाएगा. अपर समाहर्ता रवि राकेश ने बताया कि अब तक 10 हजार 988 खाता की एंट्री का कार्य संपन्न हो चुका है. 99.97 प्रतिशत के लिए रोल रेंट तैयार भी कर लिया गया है. सभी के प्रिंट आउट भी तैयार कर लिए गये हैं.

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