त्रिपुरा में घुसपैठ पर कसेगा शिकंजा: जांच के लिए बनी विशेष टास्क फोर्स, जानें वजह

त्रिपुरा : त्रिपुरा सरकार ने बांग्लादेश से अवैध रूप से भारत में घुसने वालों की पहचान करने और उन्हें वापस भेजने के लिए एक विशेष टास्क फोर्स (एसटीएफ) बनाई है। यह टास्क फोर्स पश्चिम त्रिपुरा जिले में बनाई गई है, जहां बांग्लादेश से लगी 856 किलोमीटर लंबी सीमा है। राज्य के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने बताया कि, 'हालांकि अब त्रिपुरा में घुसपैठ की संख्या कम हुई है, फिर भी घुसपैठियों की पहचान के लिए यह टास्क फोर्स बनाई गई है।'

कौन करेगा टास्क फोर्स का नेतृत्व?

इस विशेष टास्क फोर्स की जिम्मेदारी पश्चिम त्रिपुरा जिले की इंटेलिजेंस ब्रांच के डिप्टी एसपी देबाशीष साहा को सौंपी गई है। उनके साथ पश्चिम त्रिपुरा जिले के सभी 15 थानों के थाना प्रभारी (एसएचओ) भी इस टीम का हिस्सा होंगे।

त्रिपुरा में टास्क फोर्स की क्यों पड़ी जरूरत?

सरकारी सूत्रों के अनुसार, त्रिपुरा के जिलों में अवैध घुसपैठियों की गिरफ्तारी की दर बहुत अधिक है। इसी को देखते हुए, केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय (एमएचए) के निर्देशों के तहत यह टास्क फोर्स बनाई गई है।

सहयोगी दल टिपरा मोथा पार्टी की मांग

त्रिपुरा में भाजपा की सहयोगी पार्टी टिपरा मोथा पार्टी (टीएमपी) लगातार मांग कर रही थी कि अवैध प्रवासियों की पहचान, उन्हें हिरासत में लेने और देश से बाहर भेजने की प्रक्रिया को सख्ती से लागू किया जाए।

फिलहाल बाढ़ से जूझ रहा त्रिपुरा

त्रिपुरा के कई जिलों में बाढ़ के कारण आम जनजवीन अस्त-व्यस्त है। बाढ़ के कारण सैकड़ों परिवार बेघर हो गए हैं, जबकि इस वजह से तमाम सेवाएं बाधित हुई हैं। वहीं सुरक्षा के दृष्टिकोण से स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्रों को बंद कर दिया गया है।

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