US विदेश मंत्री का भारत दौरा: मोदी-सुषमा से मिलेंगे, सिक्युरिटी-टेररिज्म पर होगी चर्चा
अमेरिकी विदेश मंत्री रैक्स टिलरसन 3 दिन के दौरे पर मंगलवार रात नई दिल्ली पहुंचे। वे नरेंद्र मोदी और सुषमा स्वराज से सिक्युरिटी और स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप पर चर्चा करेंगे। बीते दो महीनों में डोनाल्ड ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन के दूसरे हाईरैंकिंग ऑफिशियल का भारत दौरा है। पिछले महीने अमेरिका के डिफेंस मिनिस्टर जेम्स मैटिस भारत आए थे। काउंटर टेररिज्म समेत कई मुद्दों पर बात होगी…
विदेश मंत्रालय ने बताया कि सुषमा और टिलरसन के बीच काउंटर टेररिज्म, सिक्युरिटी, एनर्जी और ट्रेड समेत कई मुद्दों पर चर्चा होगी।
– अमेरिकी विदेश मंत्रालय की स्पोक्सपर्सन हीदर नॉअर्ट ने कहा था कि टिलरसन भारत में कई सीनियर लीडर्स से मुलाकात करेंगे, जिसमें उनकी इंडो-पैसिफिक रीजन में स्ट्रैटजिक-सिक्युरिटी बढ़ाने पर चर्चा होगी।
चीन को लेकर अमेरिका सख्त
– मंगलवार को टिलरसन सबको चौंकाते हुए अफगानिस्तान गए थे। यहां उन्होंने कहा कि ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन का मानना है कि अफगानिस्तान में स्टेबिलिटी बनाए रखने में भारत अहम रोल निभा सकता है। भारत से अमेरिकी के रिश्ते काफी रणनीतिक अहमियत रखते हैं।
– पिछले हफ्ते इंडिया-पॉलिसी स्पीच में टिलरसन ने कहा था कि दुनिया में जब अनिश्चितता का दौर चल रहा है तब अमेरिका, भारत का भरोसेमंद पार्टनर है। चीन जिस तरह से बर्ताव कर कर रहा है उससे इंटरनेशनल रूल्स को लेकर चुनौती खड़ी हो सकती है।
– "चीन, भारत के पड़ोस में है और वह तेजी से बढ़ना चाहता है। उसने जिम्मेदारी भी कम दिखाई है। जब भारत जैसे देश जद में रहकर अपनी सॉवेरीनटी (संप्रभुता) की सुरक्षा कर रहे हैं, ऐसे में चीन इंटरनेशनल कानूनों को धता बताता है।"
– "चीन साउथ चाइना सी में अपनी दखलअंदाजी बढ़ा रहा है, ये सीधे तौर पर इंटरनेशनल नॉर्म्स के लिए चैलेंज है। इसे रोकने के लिए अमेरिका और भारत साथ खड़े हैं।"
इसलिए अहम है टिलरसन का दौरा
– टिलरसन का भारत दौरा उस वक्त हो रहा है, जब ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन भारत को आर्म्ड ड्रोन देने पर विचार कर रहा है।
– इस साल की शुरुआत में इंडियन एयरफोर्स ने अमेरिका से प्रीडेटर सी एवेंजर एयरक्राफ्ट देने की रिक्वेस्ट भेजी थी।
– एयरफोर्स ने 80-100 यूनिट प्रीडेटर की जरूरत बताई थी। इसके लिए भारत को 8 बिलियन डॉलर (करीब 52 हजार करोड़ रु.) देने होंगे।
PAK पर नजर रखकर हमारी मदद कर सकता है भारत
– बीते हफ्ते यूएन में अमेरिकी एम्बेसडर निक्की हेली ने कहा, "पाकिस्तान पर नजर रखकर भारत यूएस की मदद कर सकता है। डोनाल्ड ट्रम्प आतंकियों के पनाहगाह बनने को लेकर पाक के साथ सख्त रवैया अपना चुके हैं।
– हेली ने कहा कि ट्रम्प ने हाल ही में अफगानिस्तान और साउथ एशिया में आतंकवाद से जंग की नई रणनीति का एलान किया था। अमेरिका की भारत के साथ स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप में विकास की रणनीति अहम साबित हो सकती है।
– "अफगानिस्तान और साउथ एशिया में आतंकियों के सेफ हेवन्स बनना अमेरिका के लिए चिंता की बात है। एटमी हथियार आतंकियों के हाथ न लग जाएं, इसके लिए डिप्लोमैटिक और मिलिट्री तरीकों का इस्तेमाल करेंगे। भारत के साथ इकोनॉमिक और सिक्युरिटी पार्टनरशिप की जाएगी।"