अगले आदेश तक सभी जवानों की छुट्टियां रद्द

किसान आंदोलन और ट्रैक्टर परेड के ऐलान से हरियाणा पुलिस अलर्ट, अगले आदेश तक सभी जवानों की छुट्टियां रद्द

नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के आंदोलन और गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में ट्रैक्टर परेड निकालने की उनकी योजना के मद्देनजर हरियाणा पुलिस ने अपने जवानों की छुट्टियां अगले आदेश तक निरस्त करने का निर्णय लिया है। गुरुवार को पुलिस कर्मियों के अवकाश निरस्त करने का आदेश जारी किया गया है।
हरियाणा पुलिस के आदेश के अनुसार, “राज्य में किसान आंदोलन को देखते हुए आपातकालीन अवकाश को छोड़कर सभी छुट्टियां अगले आदेश तक रद्द की जाती हैं।”
केंद्र के कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों ने 26 जनवरी को दिल्ली के आउटर रिंग रोड पर ट्रैक्टर रैली निकालने की योजना बनाई है। ट्रैक्टर परेड के लिए लोगों को जुटाने के लिए किसान यूनियनें पंजाब और हरियाणा में कई स्थानों पर ट्रैक्टर रैलियां कर रही हैं। यूनियनों ने घोषणा की थी कि वे केंद्र द्वारा लागू किए गए नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के आउटर रिंग रोड पर परेड करेंगे।
हरियाणा पुलिस के सूत्रों ने कहा कि पंजाब और हरियाणा से बड़ी संख्या में किसानों को ट्रैक्टर रैली के लिए दिल्ली ले जाने की योजना के मद्देनजर पुलिस कर्मियों की छुट्टी रद्द करने का निर्णय भी लिया गया है।
सूत्रों ने कहा कि हरियाणा के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी किसानों की हलचल से जुड़े घटनाक्रम पर कड़ी नजर रख रहे हैं। मुख्य रूप से पंजाब और हरियाणा के बड़ी संख्या में किसान नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर पिछले करीब दो महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
प्रदर्शनकारी किसान यूनियनों ने गुरुवार को डेढ़ साल के लिए तीनों कानूनों को टालने के सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया और कहा कि वे इन सभी विवादास्पद कानूनों को पूरी तरह से निरस्त करने के अलावा कुछ नहीं चाहते हैं।
वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कानूनों को लागू करने पर 11 जनवरी को अगले आदेश तक रोक दी है और सुप्रीम कोर्ट ने गतिरोध को हल करने के लिए विशेषज्ञों की एक कमेटी भी बनाई है। कमेटी को सभी हितधारकों से परामर्श करने के बाद अदालत में दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है।
पिछले साल सितंबर में बनाए गए तीन कानूनों को केंद्र सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में बड़े सुधारों के रूप में पेश किया गया है जो बिचौलियों को दूर करेगा और किसानों को देश में कहीं भी अपनी फसल बेचने की अनुमति देगा। हालांकि, वहीं प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे।

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