अमृतसर से दिल्ली आई जेट की आखिरी फ्लाइट, आगे ये होगा विकल्प

नई दिल्ली : पिछले काफी दिनों से वित्तीय संकट से जूझ रही प्राइवेट सेक्टर की एयरलाइन जेट एयरवेज (Jet Airways) का परिचालन बुधवार रात को अस्थायी तौर पर बंद हो गया. बैंकों के ग्रुप की तरफ से 400 करोड़ रुपये की त्वरित ऋण सहायता उपलब्ध कराने से इनकार किए जाने के बाद एयरलाइन ने यह घोषणा की. आठ हजार करोड़ रुपये के कर्ज में डूबी जेट एयरवेज का परिचालन का बंद होना एविएशन सेक्टर के लिए झटका माना जा रहा है. इसका सीधा असर 20 हजार कर्मचारियों के परिवार पर पड़ेगा. इसके अलावा फ्लाइट के किराये में भी बढ़ोतरी होगी.

यात्रियों और आपूर्तिकर्ताओं का करोड़ों रुपया फंसा
जेट के अस्थायी तौर पर बंद होने से यात्रियों, एयरलाइन के आपूर्तिकर्ताओं का भी करोड़ों रुपया फंस गया है. बुधवार मध्यरात्रि को अमृतसर से नई दिल्ली के लिये जेट की आखिरी उड़ान भरी गई. एयरलाइन की तरफ से कहा गया कि उसकी विमान सेवायें अस्थाई तौर पर बंद रहेंगी. नरेश गोयल द्वारा शुरू की गई जेट एयरवेज ने ढाई दशक तक लाखों यात्रियों को विमान सेवायें उपलब्ध कराई लेकिन 2010 के संकट के बाद एयरलाइन का कर्ज संकट गहराने लगा.
 

मंगलवार को केवल पांच विमान उड़े
दिसंबर 2018 में 123 विमानों के साथ परिचालन करने वाली कंपनी ने मंगलवार को केवल पांच विमानों के साथ परिचालन किया. जेट की तरफ से बुधवार शाम जारी बयान में कहा गया कर्जदाता बैंकों की तरफ से आपात ऋण सहायता नहीं मिलने के कारण हम परिचालन को जारी रखने के लिये ईंधन और दूसरी जरूरी सेवाओं के लिये भुगतान नहीं कर पाएंगे. इसलिये, तुरंत प्रभाव से हम अपनी सभी अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उड़ानों को अस्थायी रूप से निरस्त करने पर मजबूर हैं.

आगे ये होगा
जेट एयरवेज की फ्लाइट सर्विस बंद होने के बाद बैंकों के नियंत्रण में आ चुकी इस एयरलाइन की अब बोली लगाई जाएगी. इसके लिए चार बोलीदाता एतिहाद एयरवेज, राष्ट्रीय निवेश कोष एनआईआईएफ, निजी क्षेत्र के टीपीजी और इंडिगो पार्टनर हैं. नरेश गोयल खुद को पहले ही बोली की प्रक्रिया से अलग कर चुके हैं. चारों बोली दाताओं के पास अंतिम बोली सौंपने के लिए 10 मई तक का समय है. आपको बता दें अप्रैल की शुरुआत में कर्जदाता बैंकों के ग्रुप की तरफ से एसबीआई कैप ने जेट एयरवेज की 32.1 से लेकर 75 प्रतिशत तक हिस्सेदारी की बिक्री के लिये बोलियां मंगाई थी.

कर्जदाताओं का तर्क
जेट एयरवेज को कर्ज देने वाले बैंकों के ग्रुप ने एक बयान में कहा 'बातचीत के बाद हमने फैसला लिया कि जेट एयरवेज को बचाने के लिए सबसे अच्छा तरीका इच्छुक निवेशकों से बोलियां मंगाना है. इसके लिए 16 अप्रैल को बोली दस्तावेज जारी किए गए. बैंकों के ग्रुप की तरफ से कहा गया हमें उम्‍मीद है कि बोली प्रक्रिया सफल होगी.

यात्रियों की परेशानी बढ़ेगी
एयर इंडिया प्रमुख अश्वनी लोहानी ने जेट एयरवेज की उड़ान अस्थायी तौर पर बंद होने को भारतीय विमानन क्षेत्र के लिये झटका बताया. उन्होंने कहा कि हवाई उड़ान व्यवसाय में लगे पक्षों के लिये यह दुखद दिन है. इस कारण यात्रियों की परेशानी बढ़ सकती है. दूसरी तरफ विमान संचालन में कमी आने के बाद स्‍पाइसजेट समेत अन्‍य एयरलाइन से सर्विस बढ़ाने के लिए कहा गया है. जेट की सर्विस बंद होने का असर सीधे किराये पर पड़ सकता है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले दिनों दिल्ली से मुंबई का किराया 60 हजार रुपये के स्तर पर पहुंच गया था.

ऐसे आई यह नौबत
नरेश गोयल द्वारा शुरू की गई जेट एयरवेज ने 25 साल तक लाखों यात्रियों को विमान सेवायें उपलब्ध कराई. लेकिन साल 2010 के संकट के बाद एयरलाइन का कर्ज संकट गहराने लगा. इस दौरान कंपनी को लगातार चार तिमाहियों में घाटा उठाना पड़ा. इस घाटे के बाद वह कर्ज भुगतान में असफल होने लगी. पिछले साल दिसंबर में 123 विमानों के साथ परिचालन करने वाली कंपनी ने मंगलवार को केवल पांच विमानों के साथ परिचालन किया. बुधवार मिड नाइट में जेट की आखिरी उड़ान ने अमृतसर से नई दिल्ली का सफर तय किया.

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