आभूषण के संदेश को भी समझें  

आभूषण नारी को हमेशा प्रिय रहे हैं। इससे नारी का सौंदर्य कई गुना बढ़ जाता है। आभूषण सुंदरता बढ़ाने के साथ ही उसे स्वस्थ भी रखते हैं। हर आभूषण् के अंदर एक गुण सन्देश छिपा है। सभी महिलाओं को चाहिये की आभूषण धारण करने के साथ ही आभूषण के अन्तर्गत निहीत अर्थ संन्देश को भी हृदयगम करे, ताकी उस आभूषण का नाम सार्थक हो सके| 
 काजल – शील का जल आंखों में रखें|
 नथ – मन को नियन्त्रित रखें, जिससे नाक ऊंची रहे |
टीका – बुराई छोड़ दे |
बिंदी – ध्यान रखें यश का ही टीका लगे|
वंदनी – पति एवं गुरूजनों की वन्दना करें |
 कर्ण फूल – कानों से दूसरों की प्रशंसा सुनें |
 कण्ठहार – पति के कण्ठ का हार बनें |
कडे़ -किसी से कड़ी बात न बोलें|
 छल्ले – किसी से छल न करें
करधनी या कमरबंद – सत्कर्मो के लिए हमेशा कमर बाँधकर तैयार रहें|
पायल – सभी बड़ी बूढ़ी औरतों के पाँव ( चरण ) स्पर्श करें|
मेंहदी – लाज की लाली बनायें रखें|
 

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