इसलिए गणेश भगवान को कहते हैं आदिपूज्य  

भागवान गणेश सभी बाधाएं दूर करते हैं इसलिए उन्हें विघ्‍नहर्ता या विघ्‍ननाशक भी कहा जाता है। सनातन धर्म में उनका नाम लेकर ही कोई नया काम शुरु किया जाता है। 
गणेश शिवजी और पार्वती के पुत्र हैं। गणों के स्वामी होने के कारण उनका एक नाम गणपति भी है। हाथी जैसा सिर होने के कारण उन्हें गजानन भी कहते हैं। इनको केतु का देवता माना जाता है और जो भी संसार के साधन हैं। उनके स्वामी श्री गणेशजी हैं। गणेश जी का नाम हिन्दू शास्त्रो के अनुसार किसी भी कार्य के लिये पहले पूज्य है। इसलिए इन्हें आदिपूज्य भी कहते है। गणेश कि उपसना करने वाला सम्प्रदाय गाणपतेय कहलाते है। भागवान गणेश को अनेक नामों से जाना जाता है।
एकदंत : भगवान परशुराम के फरसे के वार से गणेश जी का एक दांत टूट गया था जिसके बाद उन्‍हें एक दांत के नाम से जाना गया। 
लंम्‍बोदर : भगवान श्रीगणेश लंबे पेट वाले हैं। उनके पेट में सब कुछ समाया हुआ है। इसलिए उन्‍हें लंम्‍बोदर के नाम से जाना जाता है। 
विनायक  : श्री गणेश एक न्‍याय प्रिय देवता है। वो अपने भक्‍तों के साथ हमेशा न्‍याय करते हैं। इसलिए उन्‍हें विनायक नाम से भी पुकारा जाता है।
गजानंद : जब भगवान शंकर ने उनका सिर काट कर हाथी का मुख लगाया था इसके बाद से उन्‍हें गजानंद के नाम से जाना जाता है।
विघ्‍ननाशक :श्री गणेश प्रथम पूज्‍य देवता तो हैं ही साथ ही वो विघ्‍नों का नाश करने वाले हैं। इसलिए उनके भक्‍त उन्‍हें विघ्‍नहर्ता या विघ्‍ननाशक के नाम से बुलाते हैं।
 

Leave a Reply