कैबिनेट बैठक में परमाणु रिएक्टर समेत कई अहम योजनाओं को मंजूरी

नई दिल्ली
केंद्रीय मंत्रिमंडल की बुधवार को हुई मीटिंग में कई महत्वपूर्ण योजनाओं को मंजूरी दी गई। कैबिनेट की यह बैठक पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में परमाणु ऊर्जा उत्पादन के लिए दस स्वदेश निर्मित दाबानुकूलित भारी जल रिएक्टरों को कैबिनेट की मंजूरी दी गई। इसके साथ ही और नई कोयला आपूर्ति व्यवस्था को भी अप्रूवल मिला। जानिए कैबिनेट की इस बैठक में लिए गए क्या-क्या बड़े फैसले।

पूरी हो सकेंगी राष्ट्रीय महत्व की परियोजना
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक कानून में संशोधन को मंजूरी दे दी, जिससे केंद्र सरकार को संरक्षित स्मारकों के आसपास निषिद्ध क्षेत्र की सीमा के भीतर बुनियादी संरचना परियोजनाओं पर काम करने की अनुमति मिलेगी। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल तथा अवशेष अधिनियम, 1958 में संशोधन किया जाएगा, ताकि निषिद्ध क्षेत्रों में राष्ट्रीय महत्व के लोक निर्माणों की अनुमति मिल सके। 'निषिद्ध क्षेत्र' किसी संरक्षित स्मारक के 100 मीटर के दायरे वाला क्षेत्र होता है। फिलहाल इस क्षेत्र में मरम्मत और पुनर्निर्माण को छोड़कर निर्माण की इजाजत नहीं है।

देश भर में रेल संपर्क को बढ़ावा देने के लिए कैबिनेट ने बुधवार को तीन रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान कर दी। केंद्रीय बिजली और कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'सीसीईए ने 700 किलोमीटर की रेल परियोजना को मंजूरी दी है।' उन्होंने कहा, 'सरकार ने आंध्र प्रदेश में गुंटुर-गुंटकल रेल लाइन के विद्युतीकरण और दोहरीकरण को मंजूरी दी है, जिसकी लंबाई 401.47 किलोमीटर है। इसकी लागत 4,201 करोड़ रुपये है।' मंत्री ने कहा कि इस परियोजना के लिए राज्य सरकार और रेल मंत्रालय आधा-आधा धन देंगे। उन्होंने कहा, 'सीसीईए ने मनमाड-जलगांव रेल परियोजना की 160 किलोमीटर लंबी तीसरी लाइन को और उसके विद्युतीकरण को भी मंजूरी दे दी है। इस परियोजना से दिल्ली-मुंबई और मुंबई-कोलकाता के बीच रेल सेवा बेहतर होगी। इसकी लागत 1,198 करोड़ रुपये है और इससे 32 लाख कार्यदिवस के रोजगार पैदा होंगे।' गोयल ने कहा, 'उत्तर प्रदेश के फेफना-इंदारा और मऊ-शाहगंज रेल लाइन परियोजना को भी मंजूरी दी गई है। इस पर 1,190.98 करोड़ रुपये खर्च होंगे और इससे 30 लाख कार्यदिवस रोजगार पैदा होंगे।'

गुजरात में राष्ट्रीय राजमार्ग होगा अपग्रेड
सरकार ने आज गुजरात में राष्ट्रीय राजमार्ग-8ई पर पोरबंदर-द्वारका खंड के उन्नयन की 1,959 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दी है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि एनएच-8ई के पोरबंदर-द्वारका खंड को चार लेन का करने की मंजूरी दे दी है। इस परियोजना की अनुमानित लागत 1,958.88 करोड़ रुपये है। इसमें जमीन अधिग्रहण की लागत के अलावा पुनर्वास और पुनर्स्थापना तथा निर्माण पूर्व गतिविधियों की लागत शामिल है। परियोजना के तहत करीब 118 किलोमीटर सड़क का विकास किया जाएगा। इसका कार्य राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना (एनएचडीपी) चरण चार के तहत हाइब्रिड एन्यूइटी तरीके से किया जाएगा।

एचओसीएल के लिए पुनर्गठन योजना मंजूर
सरकार ने घाटे में चल रही सार्वजनिक कंपनी हिंदुस्तान आर्गेनिक केमिकल्स लिमिटेड (एचओसीएल) की 1008.67 करोड रपये की पुनर्गठन योजना को आज मंजूरी दे दी। पुनर्गठन योजना के तहत रासायनी, महाराष्ट्र स्थित एचओसीएल की इकाई बंद कर दी जाएगी जिसमें इसका डाई नाइट्रोजन टेट्रोक्साइड का संयंत्र शामिल नहीं है. इस संयंत्र को इसरो को स्थानांतरित किया जाएगा। बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने संवाददाताओं को बताया कि आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने एचओसीएल के लिए पुनर्गठन योजना को मंजूरी दे दी है.

सरकारी आवास में तय समय से ज्यादा नहीं रह सकेंगे
संसद सदस्य और सरकारी बाबू अब केंद्र सरकार के आवासों में निर्धारित अवधि से अधिक समय तक नहीं रह सकेंगे। इस बाबत केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संबधित संशोधनों को मंजूरी प्रदान की। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक परिसर अधिनियम, 1971 में संशोधनों को मंजूरी प्रदान की, जिससे अधिकारियों को यह शक्ति मिलेगी कि वे अगर सरकारी आवास में लोगों के अधिक समय तक ठहरने की अपील से संतुष्ट नहीं हैं तो उन्हें तीन दिन के अंदर बेदखल कर सकते हैं। इन संशोधनों में ये प्रावधान भी हैं कि ऐसे लोग अधिक समय तक आवास में रहने की अपील लेकर उच्च न्यायालय के नीचे की किसी अदालत में नहीं जा सकेंगे। फिलहाल कब्जेदारों को नोटिस जारी करके और उनका पक्ष सुनने के बाद बेदखली आदेश को जारी करने में करीब एक महीना लगता है। आदेश जारी होने के बाद परिसर को छोडने के लिए 30 महीने का समय और दिया जाता है।

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