जाल सभागृह में खूब जमी नए-पुराने गीतों की महफिल 

इन्दौर । संस्था नौसिखिए संगीत समूह की मेजबानी में कल रात जाल सभागृह में आयोजित पुराने गीतों की दावत का मनमोहक आयोजन सुधी श्रोताओं की मौजूदगी में सानंद संपन्न हुआ। इस अवसर पर सांसद शंकर लालवानी, समाजसेवी सत्यनारायण अग्रवाल, सुश्री मोना शेवड़े, विजय कुमार एवं डॉ. अमन काजी की विशेष उपस्थिति में खजराना गणेश मंदिर के पुजारी पं. मोहन भट्ट एवं पं. अशोक भट्ट ने दीप प्रज्जवलन कर इस रंगारंग संध्या का आगाज किया।
संस्था का नाम भले ही नौसिखिए संगीत समूह हो, लेकिन जाल सभागृह में हुई शानदार प्रस्तुतियों ने साबित कर दिया कि यहां आए सभी कलाकार अपने अपने फन में महारथ रखते हैं। स्वर संध्या का आगाज अखिलेश अग्रवाल ने ‘रोजा जानेमन…’ की एकल प्रस्तुति के साथ किया। इसके बाद शैलेंद्रसिंह राठौड और ज्योति जुनेजा ने ‘बेखुदी में सनम, उठ गए जो कदम…’ युगल गीत गाकर माहौल को और हसीन बना दिया। सलौनी पुराणिक ने ‘कौन तुझे यूं प्यार करेगा…’ और मुकेश गोयल एवं सपना भाटी ने ‘मेरा प्यार भी तू है…’ जैसे गीतों से इस महफिल को शबाब पर ला खड़ा किया। ओम मंडलोई ने ‘तुमको पाया है तो जैसे खोया हूं…’ तथा हिमांशु पुराणिक और मधुलिका रघुवंशी ने ‘कोरा कागज था ये मन मेरा…’ की युगल प्रस्तुति देकर माहौल को और जिंदादिल बना दिया। इसके बाद सपना भाटी ने ‘गली में आज चांद निकला…’ तथा असीम भाटी और मधुलिका रघुवंशी ने ‘कौन दिसा में ले के चला रे बटुहिया…’ की प्रस्तुति से चार चांद लगा दिए। शैलेंद्र सिंह राठौड़ एक बार फिर ‘छलकाए जाम…’ लेकर आए तो अखिलेश अग्रवाल और सलोनी पुराणिक ने भी ‘कहो न प्यार है…’ जैसे रूमानी गीत से खूब तालियां बटोरी। मुकेश गोयल ने ‘दिल क्या करे जब किसी को किसी से प्यार हो जाए…’, असीम भाटी और ज्योति जुनेजा ने ‘जीवन के हर मोड़ पे…’ जैसी प्रस्तुतियों से श्रोताओं का मन गुदगुदाए रखा।
इसके बाद तो ‘तस्वीर तेरी दिल में…, थोड़ी सी जो पी ली है…, पल पल पल पल हर पल…, तुझे बुलाए ये मेरी बाहें…, तुमसे जो देखते ही प्यार हुआ…., दिल तड़प तड़प के…, भीगी भीगी रातों मंे…, आइए मेहरबां…, मुहब्बत बड़े काम की चीज है…, ये तन्हाईयां ये खामोशियां…, मैं कोई ऐसा गीत गाऊं…, लेकर हम दीवाना दिल…, दिल जिगर नजर क्या है…., कागज कलम दवात ला… और दीवाना दिल दीवाना…’ सहित दो दर्जन से अधिक गीतों से सजी यह महफिल लगातार परवान चढ़ती गई। संगीत संयोजन हेमेंद्र महावर का रहा जिन्होंने अपनी पूरी टीम के साथ श्रोताओं की कसौटी पर खुद को खरा साबित किया। इस टीम में की-बोर्ड पर विजय राठौड़, ऑक्टोपेड पर इंगित भावसार, तबले पर ऋषि शर्मा और गिटार पर विकास जैन ने बखूबी साथ निभाया। समारोह के पूर्वार्ध में सुश्री चेतना जोशी, श्रीमती पूजा कुमार, सतीश केसवानी एवं हेमंत अग्रवाल का उनकी विभिन्न क्षेत्रों में सेवाओं के लिए संस्था की ओर से अतिथियों ने सम्मान भी किया। संचालन हिमांशु पुराणिक ने किया। शहर के अनेक संगीतप्रेमी एवं सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में मौजूद थे।

Leave a Reply