महामारी में भी राजनीति चरम पर: भाजपा और एनडीए शासित राज्यों पर केंद्र मेहरबान

नई दिल्ली । कोरोना संक्रमण की पहली लहर का सामना करने के बाद दुनिया में नायक बनकर उभरे भारत के लिए दूसरी लहर कहर बन कर आई। भारत की दुर्दशा देखकर दुनियाभर से मदद पहुंचाई जा रही है। राज्यों को उम्मीद थी कि हेल्थ इमरजेंसी को देखते हुए विदेशों से आई इस मदद को बिना किसी देरी भारत सरकार उन तक पहुंचाएगी, लेकिन राज्य अभी तक मदद की बांट जोह रहे हैं। यही नहीं झारखंड, केरल, राजस्थान और छत्तीसगढ़ आदि राज्य आरोप लगा रहे हैं कि केंद्र केवल भाजपा और एनडीए शासित राज्यों को मदद पहंचा रहा है।
एयरपोर्ट सूत्रों के मुताबिक अब तक दिल्ली एयरपोर्ट पर 28 से ज्यादा फ्लाइट्स विदेशी मदद लेकर आई हैं। इनमें 5500 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, 3200 से ज्यादा ऑक्सीजन सिलेंडर और 1,37,500 रेमडेसिविर इंजेक्शन भारत तक पहुंच चुके हैं, लेकिन झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने दैनिक भास्कर को बताया, हमें दूसरी लहर की शुरुआत से लेकर अब तक 90,000 एन 95 मास्क मिले हैं। हमें 46,000 रेमडेसिविर देने का वादा किया गया था, लेकिन मिले सिर्फ 2,180 इंजेक्शन। इसके अलावा हमें कुछ भी नहीं मिला।
सौतेला व्यवहार क्यों?
गुप्ता कहते हैं कि ऑक्सीजन तो हमें चाहिए नहीं, हम खुद दूसरे राज्यों की मदद कर रहे हैं। हमारे यहां 6 ऑक्सीजन प्लांट हैं, लेकिन दूसरे उपकरणों की जरूरत तो हमें हैं। वे कहते हैं, तकरीबन साढ़े तीन करोड़ की आबादी वाले राज्य में केंद्र की इतनी कम मदद का मतलब तो साफ है कि भारत सरकार को झारखंड की फिक्र नहीं है। आखिर हमारे साथ केंद्र सौतेला व्यवहार क्यों कर रहा है? इसी तरह केरल के स्वास्थ्य सचिव डॉ. राजन खोबरागड़े ने बताया कि विदेशों से आई इस मदद में से कुछ भी उनके राज्य तक नहीं पहुंचा। केरल के मुख्यमंत्री कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 4 अप्रैल को फोन कर जल्द से जल्द आपात मदद राज्य में पहुंचाने की मांग की थी। कोरोना की बड़ी मार झेल रहे पंजाब के स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य को अब तक 100 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और रेमडेसिविर की 2,500 डोज मिली हैं।
राजस्थान और छत्तीसगढ़ भी खाली हाथ
राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक उन्हें भी अब तक विदेशों से आई इस मदद में से कुछ भी नहीं मिला है। राजस्थान के मुख्यमंत्री कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक उन्होंने केंद्र से ऑक्सीजन और रेमडेसिविर की मांग की है। पर अभी तक उन्हें कोई जवाब नहीं मिला है। राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने बताया कि केंद्र सरकार ने राजस्थान को 9 मई तक के लिए 1 लाख 41 हजार 600 रेमडेसिविर इंजेक्शन का आवंटन निर्धारित किया है, जबकि प्रदेश में संक्रमितों की तेजी से बढ़ रही है और हमें अधिक इंजेक्शनों की आवश्यकता है। इसी वजह स आरएमएससीएल ने स्वयं के स्तर पर व्यापक प्रयास कर रेमडेसिविर इंजेक्शन की भी खरीद की है। इसके बाद प्रदेश में रेमडेसिविर इंजेक्शन का कोटा करीब 2 लाख 48 हजार हो गया है। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राज्य की लगातार मांग के बाद भी केंद्र  रेमडेसिविर नहीं दे रहा है। उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक 1500 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स और 5 क्रायोजेनिक ऑक्सीजन टैंकर उन्हें अब तक मिल चुके हैं। बिहार सरकार की तरफ से भी मदद मिलने की पुष्टि की गई है। केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक 4 अप्रैल को हॉन्गकॉन्ग से प्लेन से 1088 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स लाए गए थे। इनमें से 738 दिल्ली में रखे गए, 350 मुंबई भेजे गए।
-हेल्थ एक्सपर्ट भी उठा रहे सवाल
हेल्थकेयर फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉक्टर हर्ष महाजन ने कहा, विदेशों से यह मदद आपात स्थिति के लिए भेजी गई है, लेकिन भारत सरकार इस मदद को राज्यों तक पहुंचाने की जल्दी में नहीं लगती। जब देश में संक्रमण के मामले 4 लाख को क्रॉस कर गए हों, जब अस्पतालों में घंटों के हिसाब से ऑक्सीजन पहुंच रही हो, वेंटिलेटर की कमी से लोगों की जान जा रही हो, ऐसे में भारत सरकार का सुस्त रवैया समझ से परे है। मैंने कई अस्पतालों और राज्यों में पता किया, लेकिन उन तक मदद गुरुवार तक नहीं पहुंची थी।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक विदेशों से मिली इस मदद को बांटने के लिए भारत सरकार ने 26 अप्रैल को तैयारी शुरू की थी, लेकिन कमाल की बात है कि इस विज्ञप्ति में यह भी लिखा है कि मदद वितरित करने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर यानी एसओपी 2 मई को जारी किया गया। यानी पूरे सात दिन विदेशों से आई इस मदद को एयरपोर्ट के गोदामों में रखा गया। इस प्रेस विज्ञप्ति में यह नहीं लिखा है कि मदद कब से बांटी जानी है।
-सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल टास्क फोर्स बनाई
यह देश में दवाइयों और ऑक्सीजन सप्लाई का मैकेनिज्म तैयार करेगी
कोरोना की दूसरी लहर के बीच देश में दवाइयों और ऑक्सीजन की सप्लाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक टास्क फोर्स बनाई है। यह टास्क फोर्स दवाइयों की उपलब्धता के लिए जरूरी उपायों पर सुझाव देगी। साथ ही राज्यों को ऑक्सीजन सप्लाई करने का वैज्ञानिक और व्यावहारिक फार्मूला भी तैयार करेगी। इस टास्क फोर्स में 12 सदस्य रखे गए हैं। इनमें डॉ. भाबतोश बिस्वास, पूर्व वाइस चांसलर, वेस्ट बंगाल यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेस, कोलकाता, डॉ. देवेंद्र सिंह राणा, चेयरपर्सन, बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट, सर गंगाराम हॉस्पिटल, दिल्ली, डॉ. देवी प्रसाद शेट्टी, चेयरपर्सन एंड एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, नारायणा हेल्थकेयर बेंगलुरु, डॉ. गगनदीप कांग, प्रोफेसर, क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर, तमिलनाडु, डॉ. जेवी पीटर, डायरेक्टर, क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर, तमिलनाडु, डॉ. नरेश त्रेहान, चेयरपर्सन एंड मैनेजिंग डायरेक्टर, मेदांता हॉस्पिटल एंड हार्ट इंस्टीट्यूट, गुडग़ांव, डॉ. राहुल पंडित, डायरेक्टर, क्रिटिकल केयर मेडिसिन एंड आईसीयू, फोर्टिस हॉस्पिटल, मुलुंड, मुंबई, डॉ. सौमित्र रावत, चेयरमेन एंड हेड, डिपार्टमेंट ऑफ सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी एंड लिवर ट्रांसप्लांट, सर गंगाराम हॉस्पिटल दिल्ली, डॉ. शिव कुमार सरीन, सीनियर प्रोफेसर, एंड हेड ऑफ डिपार्टमेंट ऑफ हीपैटोलॉजी, डायरेक्टर, इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बाइलियरी साइंस, दिल्ली, डॉ. जरीर एफ उदवाडिया, कंसलटेंट चेस्ट फिजिशियन, हिंदुजा हॉस्पिटल, ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल एंड पारसी जनरल हॉस्पिटल, मुंबई, सेक्रेटरी मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर (पदेन सदस्य) और कनवीनर ऑफ दी नेशनल टास्क फोर्स (जो सदस्य भी होगा) केंद्र के कैबिनेट सेक्रेटरी शामिल हैं।
-कोरोना से देश में अब मौत का रिकॉर्ड
देश में कोरोना की दूसरी लहर खतरनाक होती जा रही है। बीते 24 घंटे में देश में 4 लाख 1 हजार 228 नए संक्रमित मिले। 3 लाख 19 हजार 469 ठीक हुए और 4,191 की मौत हो गई। इस महामारी से एक दिन में जान गंवाने वालों का यह सबसे बड़ा आंकड़ा है। यह भी चिंता की बात है कि देश में लगातार तीन दिन से 4 लाख से ज्यादा केस आ रहे हैं। इससे पहले 7 मई को 4.14 लाख और 6 मई को 4.13 लाख मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।

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