मीडियाकर्मियों के लिए हुए पराग डेयरी के दरवाजे बंद 

सासनी । पराग डेयरी में भीशण गर्मी के कारण ठीक से भोजन और पानी के साथ उपचार न मिलने के कारण गोवंष की मौत का सिलसिला जारी होने की खबर समाचार पत्रों में छपने से प्रषासन बौखला गया हैं, प्रषासनिक अधिकारियों ने मीडियाकर्मियों के लिए पराग डेयरी मे ंजाने से प्रतिबंध लगा दिया है। जिससे अंदर की खबर बाहर न जा सके। 
बता दें कि पराग डेयरी में जिस वक्त अस्थाई गौषाला बनाई गई तो उसमें तीन हजार से भी अधिक गाय और गोंवंष थे। मगर धीरे-धीरे गोवंष की मौत होने के कारण इनकी संख्या में कमी आने लगी। गोवंष के षवों को कुत्ते नोंचने लगे। इसकी भनक खबरचियों को हुई तो इस तस्वीर को अपने कैमरे में कैदकर समाज के सामने लाकर प्रषासन की कार्रषैली की कलई खोल दी। खबर के बाद प्रषासनिक अधिकारियों ने पराग डेयरी का दौरा षुरू कर दिया। डीएम, एसडीएम यहां तक कि कमिष्नर ने यहां आकर गोवंष का हाल जाना और उसके लिए पीने का पानी, खाने के लिए चारा, आदि की व्यवस्था के लिए दानदाताओं की बैठक कर गोवंष के उदरपूर्ति के लिए आग्रह किया। जिसे दानदाताओं ने सहर्श स्वीकार कर उनके उदरपूर्ति के साथ बीमार होने पर चिकित्सा का भी बंदोबस्त के कर दिया। कुछ दिन तो पराग डेयरी में कर्मचारी और चिकित्सक चुस्त-दुरूस्त दिखे और अपने काम को ठीक से अंजाम देने लगे। मगर भीशण गर्मी और लू के कारण गोंवष की मौत का सिलसिला फिर षुरू हो गया। जिसकी खबर अखवारों में छपी, गोवंष की मौत और अंदर तैनात चिकित्सक तथा कर्मचारियों की लापरवाही और उदासीनता की करतूत जब अखबारो ंमें छपी तो प्रषासनिक अधिकारी मीडियाकर्मियों के खिलाफ हो गये और उनका पराग डेयरी में प्रवेष वर्जित कर दिया। बुधवार को कुछ मीडियाकर्मी गोवंष का हाल जानने पराग डेयरी गये तो मौजूद कर्मचारी राजकुमार षर्मा, लेखपाल रामचंद्र पांण्डेय ने न तो गोवंष का हाल बताया और न ही उन्हें अंदर जाने दिया। गौषाला से धीरे-धीरे अब गोवंष की संख्या कम होने की ओर है। वहीं आज भी खेतों में गोवंष विचरण कर रहे है। जिससे किसानों को फिर फसलों के नश्ट होने का खतरा सता रहा है। सवाल पैदा होता है कि यदि गौषाला में गायों को बंद कर दिया गया था तो खेतों में गाय केसे विचरण करने लगी है। इससे प्रषासन और डेयरी में कार्र कर रहे कर्मचारियों की कार्रषैली पर प्रष्नचिन्ह लग जाता है।  
इस बारे में जब एसडीएम हरीषंकर यादव से फोन पर बात की तो उन्होंने बताया कि उन्हें नहीं पता कि उन्होंने प्रवेष पर रोक लगाई है या डीएम ने मीडिया के अंदर जाने पर रोक लगाई है। उन्होंने बताया कि मीडियाकर्मियों पर पराग डेयरी में जाने पर किस वजह से प्रतिबंध लगाया है। 

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