मुख्यमंत्री के साथ बैठकर समधान निकालें सत्तापक्ष-विपक्ष के सदस्य

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में रविवार को नया इतिहास रचा गया। छुट्टी के दिन सदन में कामकाज चला। प्रश्नकाल के दौरान भाजपा सदस्य व विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष सीतसरन शर्मा द्वारा पदोन्नति ने आरक्षण के मुद्दे पर सवाल किया। जिस पर काफी देर तक पूरक सवाल हुए। इस पर अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने कहा कि नियम सभी श्रेणियों के लिए एकसमान होना चाहिए। अध्यक्ष ने कहा कि पदोन्नति में आरक्षण के मुद्दे पर सत्तापक्ष और विपक्ष के 4-4 प्रतिनिधिा मुख्यमंत्री के साथ चर्चा करें और इस समस्या का समाधान निकालें। अध्यक्ष ने व्यवस्था देते हुए कहा कि प्रथम श्रेणी के अधिकारी लगातार प्रमोशन पा रहे हैं। उन्हें इस मुद्दे पर कोई चिंता नहीं है, जबकि उन्हें ही इसकी चिंता करना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि पक्ष और विपक्ष के प्रतिनिधि किसी दिन इस विषय पर मुख्यमंत्री के साथ चर्चा करें।

सुप्रीम कोर्ट के नियम का पालन : मंत्री
सीताशरण शर्मा के सवाल का जवाब देते हुए सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ गोविंद सिंह ने कहा कि अधिकारियों ने उच्चतम न्यायालय का आदेश सब पर लागू होना बताया है। सभी विभाग इससे परेशान हैं। प्रदेश में पद खाली हैं और काम रुके हुए हैं। इसलिए उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ताओं से इस बारे में राय लें। 

विधि विशेषज्ञों से लें राय : नेता प्रतिपक्ष
सीताशरण शर्मा ने सरकार से जानना चाहा कि प्रथम श्रेणी के अधिकारियों के प्रमोशन में आरक्षण है या नहीं? उन्होंने यह भी कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश में 'स्टेटस क्योÓ की व्याख्या क्या है। इस पर चर्चा करते हुए नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने सुझाव दिया कि इस बारे में विधि विशेषज्ञों से राय ले ली जाए। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि संभवत: इसकी व्याख्या गलत हुयी है। भाजपा के ही डॉ नरोत्तम मिश्रा ने अध्यक्ष से आग्रह किया कि इस पर कोई व्यवस्था आ जाए। इसके बाद अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने अपनी व्यवस्था दी।
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विपक्ष ने किया बहिर्गमन 25 हजार के बिजली बिल दे रही सरकार
ऊर्जा विभाग की बजट अनुदान की चर्चा के दौरान विपक्ष ने सदन से बहिर्गमन कर दिया। नेता प्रपितक्ष गोपाल भार्गव ने आरोप लगाया कि ऊर्जा मंत्री के पास विद्युत उत्पादन बढ़ाने और जनता के सहूलियत के लिए कोई दृष्टि नहीं है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा मंत्री अपने जवाब में सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप लगाने का काम करते रहे। अगर उर्जा मंत्री कोई सार्थक जवाब देते तो हम चर्चा में जरूर हिस्सा लेते। भार्गव ने कहा कि सरकार ने उल्टा संबल योजना और बिजली के बिल को आधा करने की योजन को ही खत्म कर गरीबों के ऊपर और ज्यादा बिजली के बिल थोप दिए। सदन से बाहर चर्चा करते हुए भार्गव ने कहा कि आज गरीबों को 20 से 25 हजार के बिजली के बिल थमाए जा रहे हैं। गोपाल भार्गव का कहना है कि पूर्व ऊर्जा मंत्री राजेंद्र शुक्ल और पारस जैन ने तथ्यात्मक तरीके से बात रखी, लेकिन सत्ता पक्ष आधारहीन बातें कर के आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। 
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पबजी गेम पर प्रतिबंध लगाने की मांग
शून्यकाल के दौरान विधायक शैलेंद्र जैन ने प्रदेश में मोबाइल गेम पबजी  का मुद्दा उठाया। उन्होंने इस खेल को प्रतिबंधित करने की मांग की। उन्न्होंने कहा कि युवाओं और बच्चों में पबजी की लत बढ़ रही है। इससे आत्महत्या की ओर रुझान बढ़ रहा है। 
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अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धा में स्वर्ण पदक पर मिलेंगे दो करोड़
विधानसभा में वर्ष 2019-20 के बजट अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान उच्च शिक्षा एवं खेल युवा कल्याण मंत्री जीतू पटवारी ने बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार अंतर्राष्ट्रीय खेल स्पर्धाओं में स्वर्ण पदक विजेता खिलाडिय़ों को दो करोड़ रुपये की राशि प्रदान करेगी। पटवारी ने कहा कि इस संबंध में जल्दी ही कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा।गौरतलब है कि वर्तमान में अंतर्राष्ट्रीय खेल स्पर्धाओं में स्वर्ण पदक जीतने पर एक करोड़, रजत पदक जीतने पर 50 लाख और कांस्य पदक जीतने पर 25 लाख रुपये देने का प्रावधान है। मंत्री पटवारी ने कहा कि पटवारी ने बताया कि राज्य का खेल बजट बढ़ा दिया गया है। इसके साथ ही नौकरियों में खिलाडिय़ों को दो प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान भी रखा गया है। उन्होंने कहा कि राज्य की कमलनाथ सरकार खेल और खिलाडिय़ों को प्रोत्साहन देने के लिए कृतसंकल्प है।
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अध्यक्ष ने दी नई व्यवस्था, विभागों को भेजें शून्यकाल की सूचना
विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने सदन में नई व्यवस्था लागू करने की पहल की। उन्होंने सदन में कहा कि शून्यकाल के दौरान सदस्यों की ओर से उठाए जाने वाले मुद्दों की जानकारी संबंधित विभागों तक पहुंचायी जाए। प्रजापति ने यह निर्देश अपने अधिकारियों को देते हुए कहा कि इनका उत्तर मिलना भी सुनिश्चित किया जाए। 
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शहर में रेत भंडारण बंद करें : अध्यक्ष
शून्यकाल में भाजपा के रामेश्वर शर्मा द्वारा शहर में रेत के भंडारण संबंधी मुद्दा उठाया। इस पर अध्यक्ष ने कहा कि रेत के शहर में भंडारण की व्यवस्था बंद की जाए। अध्यक्ष ने कहा कि भोपाल में रात में ट्रक खड़े होने की व्यवस्था भी बंद की जाए। अध्यक्ष ने कहा कि भोपाल से सटे मिसरोद क्षेत्र की आसपास की बहुत सी कालोनियों के रहवासी इस समस्या से परेशान हैं। वहां पर रेत के डंपरों से अवैध भंडारण किया जाता है। रेत माफिया ट्रकों से जाम लगा देते हैं। शर्मा के सवाल उठाने के दौरान ही मंत्री आरिफ अकील ने इस मामले में अध्यक्ष से व्यवस्था देने का अनुरोध किया था।
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यह मामले भी उठे
विधानसभा की कार्यवाही के दौरान भाजपा विधायक दिलीप परिहार ने वकीलों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि वकील सभी प्रकार के मामले लड़ते हैं। ऐसे में या तो एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाए या उन्हें शस्त्र लाइसेंस दिया जाए। वहीं, विधायक हरदीप सिंह डंग ने उनके विधानसभा क्षेत्र सुवासरा में मध्यप्रदेश और राजस्थान की सीमा पर पांच दिन पहले एक व्यक्ति की हत्या के मामले को उठाते हुए कहा कि इस मामले की जांच कराई जाए।
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15 दिन में होगी अस्पताल में खरीदी की होगी जांच

मुरैना जिला अस्पताल में पिछले तीन साल के दौरान हुई मशीनरी की खरीदी के मामले में अनियमितताओं के आरोप लगे है। विधायक रघुराज सिंह कंसाना  ने प्रश्नकाल के दौरान सवाल किया था कि मुरैना जिला अस्पताल में तीन साल में मशीनरी, वाटर कूलर, आरओ और कूलर पंखों की मरम्मत पर कितना व्यय किया गया है और कितनी नई मशीनें खरीदी गई हैं। पूरक सवाल में उन्होंने खरीदी में अनियमितता की बात कही थी। सवाल पर जवाब देते हुए  स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि मशीनों के क्रय-विक्रय और मरम्मत में अनियमितता हुई है। क्षेत्रीय संचालक की अगुवाई में 15 दिन में मामले की जांच होगी।

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