वैक्सीनेशन मिक्सिंग ट्रायल शुरु तरह से सुरक्षित, नहीं दिखाई दिए कोई गंभीर परिणाम 

नई दिल्ली । कोरोना को मात देने के लिए इनदिनों दुनिया भर में नई-नई रिसर्च जारी हैं। भारत सहित कई देशों ने कोरोना वैक्सीन का निर्माण कर लिया है।इसके साथ ही सभी देशों में वैक्सीनेशन प्रोग्राम तेजी से चल रहा है। इस बीच अब वैज्ञानिक यह तलाशने की कोशिश में जुटे हैं कि क्या वैक्सीन की अलग-अलग डोज लगने से शरीर में प्रतिरोधक क्षमता अधिक हो जाती है। इसबारे में वैज्ञानिक दो अलग-अलग वैक्सीन के मिश्रण और उसके परिणामों पर अध्ययन में जुटे हुए हैं। लोगों में भी इस लेकर उत्सुकता है कि क्या सच में वैक्सीन की अलग-अलग डोज ज्यादा प्रभावी है। 
रशियन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड यानी आरडीआईएफ ने कहा कि कुछ वॉलिंटियर्स पर वैक्सीन की मिक्स डोज का टेस्ट किया गया, जिसमें किसी भी तरह का कोई दुष्परिणाम नहीं दिखाई दिया। आरडीआईएफ की तरफ से कहा गया कि एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की पहली खुराक को स्पूतनिकवी की पहली खुराक के साथ मिलाकर दी गई। वैक्सीन लगने के बाद किसी भी तरह के कोई गंभीर परिणाम सामने नहीं आए है। 
यह ट्रायल इस साल फरवरी माह में अजरबैजान में शुरू किया गया था।स्पूतनिक वी की मार्केटिंग करने वाली कंपनी आरडीआईएफ ने कहा कि वैक्सीनेशन मिक्सिंग ट्रायल के लिए कुल 50 लोगों को चुना गया था। वैक्सीन मिश्रण के रिजल्ट पूरी तरह से सेफ हैं। हालांकि कंपनी द्वारा यह भी साफ किया गया कि अभी यह शुरुआती परिणाम हैं इसके रिसर्च के पूर्ण रूप से सकारात्मक परिणाम अगस्त तक आने की उम्मीद है। 

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