शुद्ध मन में आते हैं सद्विचार

मानव जीवन में विचार का विशेष महत्व है। विचार ही इंसान को अच्छा या बुरे कार्य करने के लिए प्रेरित करता है। ऐसे में मन से खराब और दूषित विचारों को रोकने और निकाल फेंकने के लिए यदि थोड़ी कठिनाई हो तो भी सह लेनी चाहिए। वैसे भी यदि सच्चे मन से सद्विचारों के लिए थोड़ा अभ्यास किया जाए तो यह सरलता से हो सकता है। कुछ समय तक सावधानी से अभ्यास करें तो पाएंगे कि आपका स्वभाव ही ऐसा बन गया है कि उसकी चिंतनधारा में अनावश्यक विचार प्रवेश ही नहीं कर पा रहे हैं। इस प्रकार जब मन में शुद्ध तथा सुंदर विचार दृढ़ होने लगेंगे, तो वे स्वयं भी अपने से विरोधी विचारों को मन में रुकने ही नहीं देंगे। ठीक वैसे ही जैसे कि कहा जाता है कि पैसा पैसे को खींचता है, उसी तरह विचार अच्छे हों या बुरे, वे स्वयं अपने जैसे विचारों को आकर्षित करते, आमंत्रित करते और आपके मन में डेरा जमाने की जगह उनके लिए बना देते हैं। इसलिए अधिक से अधिक अच्छे विचारों को आमंत्रित करने के लिए उन्हें मन में ज्यादा से ज्यादा समय तक स्थापित करें। सच्चाई और सद्जीवन को लक्ष्य बनाएं और देखेंगे कि आपके विचार दिन व दिन शुद्ध् होते चले जा रहे हैं और उनका समूह आपके मन में पुराने पड़े बुरे विचारों को बाहर का रास्ता दिखा रहे हैं। 

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