हालात बिगड़े तो कैसी होगी रणनीति, चल रहा मंथन

भोपाल । प्रदेश में कोरोना के बढ़ते केस और स्वास्थ्य सेवाओं में कमी की भरपाई के बाद अब एक बार फिर सांसद और विधायक निधि की राशि का उपयोग कोरोना उपचार में किया जा सकता है। पिछले साल इस तरह का फैसला लिया जाकर विधायक निधि की राशि का उपयोग स्वास्थ्य सेवाओं के लिए किया गया था। इसको लेकर राज्य सरकार जल्द ही फैसला ले सकती है और वेंटिलेटर, इंजेक्शन और अन्य दवाओं की उपलब्धता के लिए इस निधि का उपयोग कर लोगों को स्वास्थ्य सेवा देने पर जोर दिया जा सकता है। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इसके संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा है कि अनेक विधायक एवं सांसद अपनी निधि से भी स्वास्थ्य अधोसंरचना के विस्तार के लिए सहमत हैं। इस संबंध में विचार विमर्श कर निर्णय लिया जाएगा। सरकार इस बात को लेकर भी चिंतित है कि अगर कोरोना संक्रमण रोकने के लिए लॉकडाउन बढ़ाना पड़ा तो जिलों में लोगों के रोजगार प्रभावित होंगे। इन हालातों में प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी झटका लगना तय है। ऐसे में सरकार के समक्ष लगातार दूसरे साल कोरोना के कारण लोगों की मदद करने में संकट की स्थिति भी बन सकती है।

छोटे कंटेनमेंट एरिया पर जोर
सरकार के आर्थिक एक्सपट्र्स इन हालातों पर भी अभी से विचार करने लगे हैं कि अगर हालात बिगड़े तो क्या रणनीति अपनानी होगी? कैसे वित्तीय प्रबंधन किया जा सकेगा? इन्ही हालातों को देखते हुए बहुत जरूरी होने पर ही लॉकडाउन बढ़ाने और छोटे कंटेनमेंट एरिया पर जोर दिया जा रहा है।

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