जलसंकट: तालाब का रूप लेने लगा बीसलपुर बांध
अजमेर । अजमेर जिले की लाइफलाइन कहे जाने वाला बीसलपुर बांध अब खुद ही प्यासा होने लगा है। जल ग्रहण क्षेत्र में अपर्याप्त बरसात को लेकर बांध में भराव क्षमता से कम पानी आने के चलते इन दिनों पड़ रही भीषण गर्मी में पानी दिनोंदिन कम होता जा रहा है। विशाल सागर की तरह दिखने वाला बीसलपुर बांध अब एक छोटे से तालाब की तरह नजर आने लगा है। भराव क्षमता की जद में आए गांव भी अब दिखने लगे हैं। भीषण गर्मी के साथ ही पूरे जिले में पानी की मांग भी बढ़ती जा रही है। वहीं बांध में दिनोंदिन घटते जलस्तर को लेकर राज्य सरकार भी अब सचेत होने लगी है। राज्य सरकार ने अलग-अलग जिलों को पानी देने की कई योजनाओं को अमलीजामा पहनाने का कार्य अब शुरू किया है अगर यह पहले कर देते तो यह नौबत आज नहीं आती। हालांकि राज्य सरकार ने समय रहते ब्राह्मणी नदी से बीसलपुर बांध में पानी मिलाने की योजना को मंजूरी तो दे दी लेकिन समय रहते काम पूरा नहीं हुआ तो फिर भी स्थिति जस की तस रहेगी। सरकार ने पानी की त्राहि त्राहि को देखते हुए पिछले 8 से 10 सालों से तैयार पड़ी ब्राह्मणी नदी से जोडऩे की योजना तथा बीसलपुर बांध के जल ग्रहण क्षेत्र में एक मीटर तक तीनों प्रमुख नदियों से मिट्टी निकालने का कार्य सहित योजनाओं को धरातल पर लाने का प्रयास शुरू कर दिया जिससे आने वाले समय में बांध में पानी का जलस्तर बराबर बने रहने की उम्मीद है। अगर इस बार मानसून समय पर नहीं आता है तो राज्य सरकार व जलदाय विभाग की चुनौती बढ़ जाएगी। जलापूर्ति की वर्तमान स्थिति 7 बीसलपुर बांध से अभी जयपुर जिले को कटौती के बाद 390 एमएलडी व अजमेर जिले को 270 एमएलडी, टोंक जिले को 20 एमएलडी पानी की आपूर्ति प्रतिदिन बांध से की जा रही है। जलदाय विभाग ने राज्य सरकार के दिशा निर्देशानुसार समय-समय पर बांध के पानी में कटौती करना शुरू कर दिया, जिससे अब तक 31 जुलाई तक का पानी यथावत सप्लाई होने की उम्मीद है। सिंचाई विभाग के अनुसार बांध का गेज बुधवार को 306.50 आरएल मीटर दर्ज किया गया, जिसमें 3.84 टीएमसी पानी का जल भराव है। बांध का कुल जलभराव 315.50 आरएल मीटर है। अभी बांध में 10.50 प्रतिशत पानी शेष है। पूर्व तत्कालीन मुख्यमंत्री ने जुलाई 2014 में जारी बजट में जिला चित्तौड़ की तहसील बेगू में ब्राह्मणी नदी पर बांध का निर्माण कर बीसलपुर बांध में वाटर डायवर्जन के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने की घोषणा की थी, लेकिन विभाग बीते 5 साल में केवल फिजिबिलिटी रिपोर्ट ही तैयार करवा सका। मुख्यमंत्री ने फरवरी 2018 में जारी बजट में कहा था कि बीसलपुर बांध पिछले 16 साल में केवल 4 बार ही पूरा भरा है। इसमें पानी की आवक बढ़ाने के लिए 6 हजार करोड़ की लागत वाली ब्राह्मणी बनास परियोजना तैयार की है। इस परियोजना से जयपुर अजमेर टोंक जिले लाभान्वित होने की उम्मीद थी। ब्राह्मणी नदी में मानसून के दौरान अच्छा पानी आता है। यह पानी जवाहर सागर बांध कोटा बैराज होकर चंबल नदी में बह जाता है। इसे बनास नदी से जोड़ दिया जाए तो बीसलपुर बांध हर साल भरने की संभावना है। चंबल की सहायक नदी ब्राह्मणी से पानी लाने के लिए भैंसरोडगढ़ के पास बांध बनाया जाएगा। इस बांध में पानी रोककर नहर से लिफ्टिंग करेंगे जिसे भीलवाड़ा के जहाजपुर के पास बनास नदी में मिलाया जाएगा। ब्राह्मणी नदी से बांध में पानी लाने के लिए करीब 89 किलोमीटर की नई नहर बनाई जाएगी। इसमें 59 किलोमीटर टनल और शेष भाग में ओपन कैनल बनेगी।