नरोदा पाटिया दंगा मामला: शाह ने कोर्ट में दी गवाही, दंगे के वक्त विस में मौजूद थीं माया कोडनानी
– टीवी रिपोर्ट्स के मुताबिक शाह ने कहा कि दंगे के वक्त वे और माया कोडनानी विधानसभा में मौजूद थे।
– यहां से अमित शाह सीधे अस्पताल के लिए निकले और उस समय सुबह के 9.30 बज रहे थे।
– शाह ने कहा जब वहां पहुंचे तो लोगों के शव वहां मौजूद थे, लोगों के परिजन भी मौजूद थे और अफरा तफरी का माहौल था।
– उनके पहुंचने से पहले पोस्टमार्टम हो गया था, उन्हें अधिकारियों ने जाने से रोका था, लेकिन फिर भी वे मृतकों के परिवार वालों से मिले थे।
– शाह ने कहा कि मायाबेन भी सोला सिविल अस्पताल में मुझे मिली थीं जब वे वापस निकल रहे थे।
– वे रुकना चाहता थे, लेकिन नारेबाजी की वजह से उन्हें बाहर भेज दिया गया।
– शाह ने कहा कि पुलिस ने सुरक्षा का ध्यान रखते हुए माया कोडनानी और उन्हें साथ में अपनी गाड़ी में लेकर गई और उस वक्त 11 बज रहे थे।
कोर्ट के समक्ष माया कोडनानी के वकीलों ने भी दावा किया था कि 2002 के नरोदा पाटिया में हुए दंगों के दौरान वह विधानसभा में मौजूद थीं। मामले में गवाही देने के लिए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह आज सुबह ही अहमदाबाद पहुंचे थे।
जस्टिस पीबी देसाई ने कहा था कि गवाहों को पेश होने के लिए ‘मुकदमे के उचित और प्रासंगिक चरण’ में समन किए जाएंगे। न्यायाधीश ने यह भी कहा कि ‘यदि कुछ गवाहों की गवाही के दोहराए जाने की संभावना होगी तो बाद के चरण में उन्हें नहीं बुलाने का भी विकल्प है, लेकिन (अभियोजन पक्ष द्वारा) कोई आपत्ति नहीं जताए जाने पर और बचाव पक्ष के गवाहों से पूछताछ करने के आरोपी के अधिकारी को पहचानते हुए, मेरा मानना है कि गवाहों की इस संख्या से पूछताछ किया जाना न तो अनुचित है और न ही असंगत।’
नरोदा पाटिया दंगा मामले में कोडनानी को 28 साल कारावास की सजा सुनाई गई है और वह अभी जमानत पर रिहा है। इससे पहले, नरोदा गांव मामले में उन्होंने विशेष अदालत में गुहार लगाई थी कि अमित शाह समेत 14 लोगों से बतौर बचाव पक्ष के गवाह बुलाया जाए। वह यह साबित करना चाहती हैं कि 28 फरवरी, 2002 को हुई घटना के समय वह घटनास्थल पर मौजूद नहीं थी। यह मामला गोधरा ट्रेन मामले के एक दिन बाद का है। इसके बाद पूरे गुजरात में दंगे भड़क उठे थे।