पुष्कर सरोवर में अब सिर्फ दो फिट पानी, श्रद्धालु-कैसे लगाएं डुबकी

अजमेर। करोड़ों लोगों के आस्था का केंद्र पुष्कर सरोवर का जलस्तर निरंतर घट रहा है। सरोवर में अब केवल डेढ़ से दो फीट पानी बचा है। श्रद्धालु आस्था की डुबकी भी ढंग से नहीं लगा पा रहे हैं। यहां असंख्य जल जीवों का जीवन भी संकट में है।  सरोवर के आधे से अधिक कुंड अनुपयोगी साबित हो रहे हैं। इनमें कुछ कुंड तो लीकेज होने के कारण सूख गए हैं। अधिकतर कुंड सफाई के अभाव में दुर्गंध फैला रहे हैं। उधर सरोवर के विकास व सौंदर्यीकरण की योजनाएं दम तोड़ चुकी हैं। घाटों की हालत भी चिंताजनक है। सीढिय़ां जगह-जगह से टूटी हैं। पूरे घाट गंदगी से अटे हुए हैं। सरोवर की परिक्रमा करने वाले श्रद्धालु ठोकरें खा रहे हैं। घाटों पर दिनभर आवारा जानवरों का जमघट लगा रहता है। घाटों पर उपलब्ध जन सुविधाएं बदहाल हैं। बिजली के तार बेतरतीब ढंग से बिखरे हैं। लाखों रुपए खर्च कर लगाई गई आकर्षक हैरिटेज लाइट गायब हो गई हैं।  घटते जल स्तर व बढ़ते जल प्रदूषण की वजह से सरोवर बदहाल है। न जनप्रतिनिधि सरोवर की सुध ले रहे हैं और न ही अफसर। पुरोहितों ने कई बार जिले के आला अधिकारियों व सरकार के प्रतिनिधियों से सरोवर का जल स्तर बढ़ाने के लिए बीसलपुर का पानी छोडऩे तथा ट्यूबवेल खोदने की मांग की लेकिन मामला जस का तस रहा।  पुष्कर सरोवर की दुर्दशा को लेकर करीब डेढ़ माह पहले तीर्थ पुरोहितों ने आंदोलन किया था। तब 5 ट्यूबवेल खोदने के लिए कलेक्टर विश्वमोहन शर्मा ने 50 लाख रुपए की वित्तीय व प्रशासनिक स्वीकृति भी दी। बीते डेढ़ माह में केवल जलदाय विभाग की ओर से पुरोहित प्रतिनिधियों के साथ ट्यूबवेल के लिए स्थान चिह्नित किए तथा डिस्कॉम से बिजली कनेक्शन का तकमीना मांगा गया। इसके आगे कोई काम नहीं हुआ।  पुष्कर सरोवर में घटते जल स्तर के कारण सरोवर में स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालु स्थानीय तीर्थ पुरोहित काफी चिंतित है। दो हजार से अधिक पुरोहितों की आजीविका पुष्कर सरोवर से जुड़ी हुई है। वहीं पुरोहितों में शासन व प्रशासन की लापरवाही के कारण आक्रोश बढ़ता जा रहा है। पुरोहितों का आरोप है कि कई बार अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को सरोवर के हालात से अवगत करा दिया मगर सुनवाई नहीं की। पुरोहितों का कहना है कि राज्य सरकार व जिला प्रशासन को समय रहते तीर्थ के विकास के साथ-साथ पुष्कर सरोवर के घटते जल स्तर की समस्या का स्थायी समाधान करना चाहिए।  पुरोहित बीसलपुर का पानी सरोवर में छोडऩे तथा नए नलकूप खोदने की मांग करते-करते थक गए हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। अब सरोवर भरने के लिए मानसून का इंतजार किया जा रहा है।  सरोवर के पीछे स्थित सिल्टडेम बच्चों के लिए खेल मैदान बन गया है। बच्चे सुबह और शाम सिल्टडेम में क्रिकेट खेल रहे हैं। बारिश के दौरान फीडरों से बहकर सीधा पानी पहले सिल्टडेम में ही पहुंचता है। इसके बाद डेम से सरोवर में जाता है। 

Leave a Reply