प्रद्युम्न केस: टूटी मिली स्कूल की बाउंड्री, CCTV भी खराब, SIT को मिलीं कई गड़बड़ियां
इस घटना के बाद दोपहर में पहुंचे शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने कहा कि स्कूल के खिलाफ जुवेनाइल जस्टिस एक्ट की धारा-75 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस सात दिनों में अपनी चार्जशीट पेश कर देगी। उन्होंने कहा कि यदि अभिभावक पुलिस जांच से संतुष्ट नहीं हैं तो हरियाणा सरकार इस मामले की सीबीआई जांच करा सकती है। शर्मा ने कहा कि इस मामले में स्कूल की लापरवाही साफ दिखती है। हालांकि स्कूल की मान्यता रद्द नहीं की जाएगी क्योंकि 1200 बच्चों के भविष्य की बात है।
पुलिस का स्कूल में डेरा
प्रद्युम्न की हत्या के बाद अभिभावकों की नाराजगी को देखते हुए एहतियात के तौर पर पुलिस ने स्कूल के अंदर ही डेरा डाल रखा है। पुलिस अभिभावकों को स्कूल के बाहर भी एकत्रित नहीं होने दे रही है। लेकिन रविवार सुबह कुछ लोगों ने स्कूल से 50 मीटर की दूरी पर स्थित शराब के ठेके में आग लगा दी थी। लोगों का कहना था कि स्कूल के ड्राइवर और कंडक्टर खाली वक्त में यहीं से शराब खरीदकर पीते थे। इस खामी पर मीडिया रिपोर्टिंग की जा रही थी।
इसी दौरान बिहार के मधेपुरा से सांसद पप्पू यादव मीडियाकर्मियों से बातचीत कर रहे थे कि अचानक एसीपी ने लाठीचार्ज के मौखिक आदेश दे दिए। इसके बाद पुलिस ने स्कूल के बाहर खड़े अभिभावकों और मीडियाकर्मियों को जमकर पीटा। कई लोगों को पीठ पर तो किसी के सिर पर चोट आई। अमर उजाला संवाददाता को कंधे पर चोट लगी। पुलिस वालों ने कई लोगों को घर के अंदर से खींचकर पिटाई की। लाठीचार्ज के बाद मौके पर पहुंचे डीसीपी बिना बातचीत किए ही लौट गए। इसके बाद स्कूल के आसपास का इलाका खाली करा दिया गया।
पिता ने की सीबीआई जांच की मांग
पुलिस की थ्योरी पर रविवार को भी प्रद्युम्न के अभिभावक व परिजनों ने सवाल उठाते हुए सीबीआई जांच की मांग की। प्रद्युम्न के पिता वरुण ठाकुर ने कहा कि 15 मिनट में आखिर कैसे हत्या हो सकती है? इसका जवाब पुलिस क्यों नहीं दे रही है। इसके पीछे जरूर कोई बात है। इसके लिए सीबीआई या कोई अन्य एजेंसी जांच जरूर करें। उन्होंने अभिभावकों से शांति बनाए रखने की अपील भी की।
प्रद्युम्न के पिता वरुण ठाकुर ने कहा- एसआईटी के निष्कर्ष बताते हैं कि स्कूल में गंभीर प्रशासनिक कमियां हैं। ये सब बातें मामले को संदिग्ध बनाते हैं। उन्होंने कहा मुझे लगता है कि कोई व्यक्ति जांच को प्रभावित कर रहा है, जो नहीं चाहता है कि सच्चाई बाहर आए।