अत्यधिक चुनौतियों से भरा है, नया कुरिकुलम
इन्दौर । महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज द्वारा आयोजित कार्यशाला के समापन के दिन विद्यार्थियों के मूल्यांकन के नए पैटर्न के विभिन्न सोपानों के विषय में डॉ.संगीता पानेरी ने सभी प्रतिभागियों को अवगत करवाया और उसके व्यावहारिक पहलुओं को स्पष्ट किया I डॉ. सलिल भार्गव ने “कुरिकुलम गवर्नेंस” विषय में रोचक प्रस्तुति दी I मेडिकल कौंसिल ऑफ़ इण्डिया के रीजनल ट्रेनिंग सेंटर के प्रतिनिधि प्रोफ़ेसर डॉ.राजेश शर्मा ने “द रोड एहेड” के तहत सभी प्रतिभागियों से “कुरिकुलम इम्प्लीमेंटेशन सपोर्ट प्रोग्राम” को व्यावहारिक रूप से लागू करने में आने वाली सम्भावित कठिनाइयों और परेशानियों के बारे में खुलकर चर्चा की I सभी 30 प्रतिभागियों ने इस विषय में अपने अपने अभिमत प्रस्तुत किये और अधिकांश के समाधान भी पाए I डॉ.शर्मा ने सभी प्रतिभागियों से नए कुरीकुलम के विषय में लिखित में सुझाव लिए और उन्हें एकजाई कर एमसीआई को प्रेषित करने की बात की I
प्रतिभागियों का कहना था कि नया कुरिकुलम काफी अच्छा है, इसके लागू होने पर बेहतर मेडिकल ग्रेजुएट तैयार होंगे परन्तु तदनुसार लागू करने में शिक्षकों की कम संख्या बड़ी बाधा बनेगी I दरअसल मेडिकल कॉलेज में बीपीटी, एमपीटी, बीडीएस, एमडीएस, बीओटी, नर्सिंग, पैरामेडिकल आदि के स्टूडेंट्स को भी पढ़ाने का दायित्व उन्हीं शिक्षकों का है, जिनका मुख्य दायित्व मेडिकल ग्रेजुएट ओर पोस्ट ग्रेजुएट करने का है I क्लीनिकल और पैरा क्लीनिकल विषयों से जुड़े शिक्षकों पर अस्पताल में रोगियों का उपचार, आपरेशन, इमरजेंसी ड्यूटी, वीआईपी ड्यूटी का भी दायित्व रहता है I
मेडिकल एजुकेशन यूनिट के डॉ.रवीन्द्र वाधवानी और डॉ.अजय भट्ट ने बताया कि कॉलेज की अधिष्ठाता डॉ. ज्योति बिन्दल ने सभी प्रतिभागियों को निर्देशित किया कि वे अपने अपने विभागों के सभी शिक्षकों को इस कार्यशाला में अर्जित प्रशिक्षण के तहत प्रशिक्षित करें ताकि कॉलेज के सभी शिक्षक नए कुरिकुलम की बारीकियों से अवगत हो सकें और नए कुरिकुलम को सफलतापूर्वक लागू किया जा सकें I समापन के पूर्व सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र दिए गए, डॉ.राजेश शर्मा का स्वागत किया गया I डॉ.सलिल भार्गव ने सभी का आभार माना I अधिष्ठाता डॉ. बिन्दल ने डॉ. यामिनी गुप्ता और डॉ.अन्नपूर्णा बोस तथा उनकी टीम को कार्यशाला की पूर्ण सफलता की बधाई दी I