अब तक के सबसे खतरनाक स्तर पर पहुंची दिल्ली-एनसीआर की हवा, देश में सबसे प्रदूषित गुरुग्राम

नई दिल्ली,  दिल्ली की आबोहवा बेशक बृहस्पतिवार को भी बेहद खराब रही, लेकिन मुंडका, बवाना, आनंद विहार, द्वारका, नरेला, राहिणी, सोनिया विहार जैसे इलाकों का प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया था। वहीं, एनसीआर के ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद और गुरुग्राम में प्रदूषण स्तर भी खतरनाक रहा।इसी तरह, नोएडा व गाजियाबाद में हालात बेहद खराब दर्ज किए गए। विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय दिल्ली समेत एनसीआर की मौसमी दशाएं स्थिर बनी हुई हैं। इससे अगले दो दिनों तक प्रदूषण के स्तर में ज्यादा सुधार की गुंजाइश नहीं है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की तरफ से बृहस्पतिवार को जारी रिपोर्ट में दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक बेहद खराब स्तर यानि 393 रहा। हालांकि, कई इलाकों में स्थिति खतरनाक स्तर पर पहुंच गई। शाम को मुंडका, वबाना व वजीरपुर का सूचकांक 446 पर पहुंच गया।

जबकि रोहिणी का 442, अशोक विहार का 436, आनंद विहार का 433, नरेला का 423, विवेक विहार का 415, सोनिया विहार का 414 रहा। इसके अलावा दूसरे एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन का सूचकांक भी 375-400 के बीच दर्ज किया गया। इसमें धूल के महीन कणों की मात्रा ज्यादा थी।

 

सफर के आंकड़ों के अनुसार पीएम10 का स्तर 368 व पीएम 2.5 का स्तर 217 रहा। उम्मीद जताई जा रही है कि अगले दो दिनों तक धूल के सूक्ष्म कणों की मात्रा हवा में बढ़ेगी। पीएम10 व पीएम2.5 का स्तर इस दौरान 395, 412 और 228, 244 के बीच रहने की संभावना है।

मौसम विभाग के विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली समेत एनसीआर के मौसमी कारक फिलहाल स्थिर हैं। तापमान गिरने से मौसम में नमी ज्यादा है। वहीं, हवा की रफ्तार भी धीमी है। इससे शहर के वायुमंडल में मौजूद प्रदूषण छंट नहीं रहा हैं। दूसरी ओर हवा का रुख भी पंजाब व हरियाणा से दिल्ली की ओर है। इससे पराली का धुआं दिल्ली सहित एनसीआर क्षेत्र की ओर आ रहा है।

ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद व गुरुग्राम की हालत खतरनाक
सीपीसीबी के अनुसार गुरुग्राम में वायु गुणवत्ता सूचकांक का स्तर 427 और फरीदाबाद व नोएडा का 407 दर्ज किया गया। जबकि ग्रेटर नोएडा व गाजियाबाद का सूचकांक 391 व 377 रहा। विशेषज्ञों की मानें तो दो दिनों तक हालात में सुधार होने की संभावना नहीं दिख रही है।

पड़ोसी राज्य के कारण ही दिल्ली में प्रदूषण की समस्या : केजरीवाल

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दिल्ली के प्रदूषण पर फिर पड़ोसी राज्यों को कटघरे में खड़ा किया है। केजरीवाल के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन की बैठक में बृहस्पतिवार को दिल्ली को छोड़कर दूसरे प्रदेशों के मंत्री क्यों नहीं शामिल हुए।

उन्होंने कहा कि प्रदूषण दिल्ली समेत उत्तरी भारत के राज्यों की साझा समस्या है। इसके लिए साथ काम करने की जरूरत है। इसके बाद ही समस्या का समाधान निकल पाएगा। वहीं, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप लागू हो गया है।

दिल्लीवालों को सार्वजनिक वाहनों का इस्तेमाल करना चाहिए। हालांकि, उन्होंने कहा कि बगैर पड़ोसी राज्यों की ओर से इस मामले में गंभीरता दिखाए प्रदूषण में सुधार की गुंजाइश नहीं है। बृहस्पतिवार को केंद्रीय पर्यावरण मंत्री की बैठक में इस मसले पर निराशा हाथ लगी है। दिल्ली को छोड़कर किसी दूसरे राज्य का वरिष्ठ मंत्री या अधिकारी बैठक में शामिल नहीं हुआ।      

 

ईपीसीए (एनवायरमेंट पॉल्यूशन कंट्रोल अथॉरिटी) के अध्यक्ष डा. भूरे लाल ने बृहस्पतिवार को साइट फोर औद्योगिक क्षेत्र साहिबाबाद और मोहननगर औद्योगिक क्षेत्र का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को सख्त हिदायत दी कि वायु प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों और कारकों पर सख्ती से लगाम कसें। पानी का छिड़काव हर क्षेत्र में नियमित रूप से सुबह-शाम कराया जाए। समय अवधि पूरी कर चुके वाहनों पर प्रभावी कार्रवाई की जाए।

निरीक्षण के दौरान ईदगाह रोड पर तीन स्थानों पर खुले में बिल्डिंग मैटेरियल सड़क किनारे रखा पाया गया, जिस पर तत्काल 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। वहीं, साइट- फोर में एक फैक्ट्री से काला धुआं निकलता पाया गया। डा. भूरेलाल ने फैक्ट्री संचालक को नोटिस देकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। अधिकारियों से कहा कि नियमित रूप से विशेषकर औद्योगिक क्षेत्रों का निरीक्षण करें। सड़कों की स्वीपिंग और ग्रीनरी को बढ़ाया जाए।

उन्होंने मोहन नगर औद्योगिक क्षेत्र का निरीक्षण किया। कौशांबी में सड़कों पर खड़ी बसों को देखकर रोडवेज अधिकारियों से कहा कि निगम की बसों को अड्डे के अंदर खड़ा किया जाए। पुलिस के अधिकारियों को निर्देश दिया कि यदि कोई वाहन रोड पर बस अड्डे के पास स्टार्ट होने के बाद खड़ा पाया जाए तो उसे तत्काल सीज करें। उन्होंने करीब दो घंटे तक निरीक्षण किया। उनके साथ एडीएम सिटी हिमांशु गौतम, एसीएम प्रशांत तिवारी, क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एके तिवारी, अवर अभियंता विनीत पांडेय समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

प्राइवेट वाहनों का प्रयोग कम करे जनता : डा. भूरेलाल
डा. भूरेलाल ने कहा कि प्रदूषण का एक कारण बढ़ रहे वाहनों की संख्या भी है। वायु प्रदूषण बढ़ाने में वाहनों का करीब 40 फीसदी योगदान है। लोगों से अपील है कि जब तक वायु प्रदूषण के स्तर में सुधार नहीं होता, तब तक सार्वजनिक वाहनों का प्रयोग करें। प्रदूषण फैलाने फैक्ट्रियों और कंस्ट्रक्शन वर्क पर 10 नवंबर तक रोक है। यदि तब भी स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो आगे भी यह आदेश प्रभावी रहेगा।

सांसों में जहर का जिम्मेवार कौन? 

साइबर सिटी की खराब होती आबोहवा सांसों में जहर घोल रही है। बृहस्पतिवार को गुरुग्राम प्रदूषण स्तर के मामले में देश में पहले स्थान पर रहा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों की मुताबिक दोपहर बाद यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) औसतन 427 प्रति क्यूबिक मीटर रहा, जबकि सुबह यह 436 प्रति क्यूबिक मीटर था। यह इस साल में अब तक सर्वाधिक स्तर है। दिन चढ़ने और हवा चलने की वजह से मामूली कमी आई, लेकिन यह खतरनाक स्तर पर बना रहा।

हवा जहरीली होने के साथ ही घर से बाहर बुजुर्गों और बच्चों को सांस लेने में दिक्कत आ रही है। स्कूली बच्चों की आंखों में जलन हो रही होने सहित नाक से पानी बहने के शिकायतें सामने आ रही है। बसई रोड स्थित द्रोणा पब्लिक स्कूल में अधिकतर बच्चे मास्क लगाकर पहुंचे। हालांकि प्रशासन ने दावा किया कि बृहस्पतिवार से ग्रैप लागू कर दिया है, इसके बावजूद प्रदूषण के स्तर में खास कमी नहीं दिखाई दी। बुधवार को एक्यूआई 416 प्रति क्यूबिक मीटर था, जो बृहस्पतिवार को 427 पहुंच गया। 

शहर             एक्यूआई
-गुरुग्राम            427
-फरीदाबाद        407
-नोएडा             407
-दिल्ली             393
-ग्रेटर नोएडा      391
-गाजियाबाद      377

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