अब पाकिस्तान में हिंदुओं को नसीब होगा मंदिर, श्मशान घाट

इस्लामाबाद,

भारत द्वारा पाक को अलग-थलग करने की कोशिशों से पाकिस्तानी हुक्मरानों पर जबरदस्त दबाव पड़ा है। इस दबाव का असर यह हुआ है कि पाक ने दुनिया में अपनी धर्म निरपेक्ष नीति बताने के लिए हिंदुओं की वर्षों पुरानी मांग को पूरा कर दिया है।
 
इस्लामाबाद की प्रशासनिक इकाई ने राजधानी में हिंदुओं को अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट बनाने और मंदिर बनाने के लिए जगह उपलब्ध करा दी गई है।

इस्लामाबाद के डिप्टी मेयर जीशान नकवी ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि हिंदुओं को न सिर्फ श्मशान घाट व मंदिर के लिए जगह दी गई है बल्कि उन्हें एक सामुदायिक केंद्र के निर्माण के लिए भी स्थान आवंटित किया गया है। अब तक हिंदू समुदाय के लोग पाकिस्तान में अंतिम संस्कार के लिए बौद्धों के श्मशान घाट का इस्तेमाल करते थे। 

अंतिम संस्कार के लिए हिंदुओं को दूसरे शहर जाना पड़ता था

शरणार्थी वक्फ संपत्ति बोर्ड के अध्यक्ष रशीद ने यहां तक कहा कि बोर्ड द्वारा हिंदुओं को मंदिर व अन्य सुविधाओं के लिए पूरी मदद की जाएगी, ताकि दुनिया के सामने सकारात्मक संदेश जा सके। इस्लामाबाद में हिंदू पंचायत के महासचिव अशोक चंद ने बताया कि हिंदुओं द्वारा बेनजीर सरकार में भी इस मुद्दे को उठाया गया था लेकिन अब जाकर उनकी मांग पूरी हुई है जिसमें राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की बड़ी भूमिका रही। 

अभी तक हालात काफी मुश्किल थे। इस्लामाबाद में हिंदू समुदाय के लोगों को कई बाद अंतिम संस्कार के लिए सिंध तक जाना पड़ता था। इसके अलावा रावलपिंडी और अटक में भी एक श्मशान घाट का आवश्यक्तानुसार उपयोग किया जाता था।

इस्लामाबाद हिंदू समुदाय के महासचिव के मुताबिक यदि पाक सरकार ने वित्तीय मदद नहीं की तो चंदा इकट्ठा करके यहां मंदिर, सामुदायिक भवन और श्मशान घाट का निर्माण कराया जाएगा।

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